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यमुनानगर में नशे में धुत सिपाही पर गिरी गाज, हुआ लाइन हाजिर, डीसीपी की सख्ती से जनता ने ली राहत की सांस

SV News
पुलिस सांकेतिक फोटो 

एसीपी बारा की गहन जांच के बाद त्वरित कार्रवाई, आरोपी पुलिसकर्मी को मिली सजा जनता ने डीसीपी यमुनानगर की सख्त कार्यशैली को सराहा

प्रयागराज (राजेश सिंह)। यमुनानगर कानून की रक्षा करने वाली वर्दी जब शराब के नशे में धुत होकर जनता पर जुल्म ढाने लगे तो भरोसा डगमगा जाता है। लेकिन इस बार मामला दबाया नहीं गया। बारा थाना क्षेत्र के चर्चित प्रकरण में पुलिस विभाग ने त्वरित और सख्त कार्रवाई करके यह संदेश दिया है कि दोषी चाहे वर्दी में ही क्यों न हो, बख्शा नहीं जाएगा। क्या था पूरा मामला?ग्राम गोंदलापुर (छिड़ी) निवासी परिवहन व्यवसायी विनोद कुमार ने आरोप लगाया था कि 3 सितम्बर की रात थाना बारा का सिपाही आनंद शुक्ला नशे की हालत में उमापुर स्थित होटल प्लाज़ा ढाबे पर पहुँचा और पहले ढाबा मालिक से गाली-गलौज की। इसके बाद व्यवसायी को बेरहमी से पीटा, जबरन थाने ले आया, वहाँ भी पिटाई की और रुपये छीन लिए। शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी गई। मामले की जानकारी मिलते ही इंस्पेक्टर बारा विनोद कुमार सोनकर ने वस्तुस्थिति से एसीपी बारा कुंजलता को अवगत कराया। एसीपी ने स्वयं सघन जांच-पड़ताल की और अपनी विस्तृत रिपोर्ट डीसीपी यमुनानगर को भेज दी। रिपोर्ट पर तत्काल संज्ञान लेते हुए डीसीपी यमुनानगर ने त्वरित कार्रवाई की और आरोपी सिपाही आनंद शुक्ला को लाइन हाजिर कर दिया। डीसीपी की इस सख्त कार्यशैली ने यह साफ कर दिया कि प्रयागराज पुलिस में अनुशासन से समझौता नहीं होगा। इस कार्रवाई से क्षेत्रीय लोगों और व्यापारियों ने राहत की सांस ली है। जनता ने डीसीपी यमुनानगर और एसीपी बारा कुंजलता को बधाई दी है और कहा कि ऐसे कदमों से पुलिस की साख मजबूत होती है। लोगों का मानना है कि विभाग अगर इसी तरह ईमानदारी और सख्ती से काम करता रहा तो थाने का खोया हुआ भरोसा फिर से कायम हो सकता है। जहाँ एक ओर लोग पूछ रहे थे कि “क्या नशे में धुत खाकी को सजा मिलेगी?”, वहीं अब जवाब भी मिल गया है। कार्रवाई से यह संदेश गया है कि प्रयागराज पुलिस गलत को छिपाने के बजाय सख्त कदम उठाकर न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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