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रूस 2026 में भारत को डिलीवरी करेगा एस-400 मिसाइल सिस्टम

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नई दिल्ली। साल 2018 में भारत के साथ हुए 5.43 अरब डालर के समझौते के तहत रूस अगले वर्ष एस-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा प्रणाली की डिलीवरी पूरी करेगा। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मिसाइल सिस्टम की चार प्रणालियां अब तक डिलीवर की जा चुकी हैं जबकि पांचवीं अगले वर्ष यानी 2026 में दी जाएगी।

एक रक्षा स्त्रोत के अनुसार, लगभग 40,000 करोड़ रुपये वाला यह समझौता अमेरिका की प्रतिबंधों की धमकी को नजरअंदाज करते हुए पांच अक्टूबर 2018 को औपचारिक रूप से हस्ताक्षरित किया गया था। बता दें कि एस-400 वायु रक्षा प्रणाली मई में पाक के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहुत प्रभावी साबित हुईं थी।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 5.43 बिलियन अमेरिकी डॉलर (40,000 करोड़ रुपये) के इस सौदे पर अमेरिकी प्रतिबंधों के खतरे को नजरअंदाज करते हुए 5 अक्टूबर 2018 को औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए गए थे।

मार्च 2021 में अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने भारत द्वारा रूस की ै-400 वायु मिसाइल प्रणाली की योजनाबद्ध खरीद पर चर्चा की और चेतावनी दी कि एस-400 की खरीद से सीएएटीएसए प्रतिबंध लग सकते हैं।

अब तक अमेरिका ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा अपने पहले कार्यकाल में हस्ताक्षरित प्रतिबंधों के माध्यम से अमेरिका के विरोधियों का मुकाबला करने संबंधी अधिनियम को लागू नहीं किया है क्योंकि ै-400 सौदा औपचारिक रूप से पूरा नहीं हुआ है।

एस-400 कारगर साबित हुई

मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एस-400 वायु रक्षा मिसाइलें बेहद कारगर साबित हुईं, यह बात केंद्रीय राज्य मंत्री संजय सेठ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रतिनिधि के रूप में रेड स्क्वायर पर वैलेंटाइन डे परेड में शामिल होने के लिए मॉस्को की अपनी यात्रा के दौरान स्थानीय भारतीय समुदाय को बताई थी।

सेठ ने कहा कि भारत ने और मिसाइल प्रणालियां खरीदने में रुचि दिखाई है और वह अपनी उन्नत एस-500 मिसाइल प्रणालियां हासिल करने की संभावना तलाश रहा है।

भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे, के प्रतिशोध में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचों को निशाना बनाते हुए 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। चार दिनों तक चले भीषण सीमा पार ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद, भारत और पाकिस्तान 10 मई को संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक समझौते पर पहुँचे।

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