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गंभीर-अगरकर की जोड़ी के सामने फेल रोहित-विराट की जोड़ी

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 नई दिल्ली।  एक समय रोहित शर्मा और विराट कोहली भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े नाम थे और उनके प्रशंसक कहते थे कि कोच या चयनकर्ता की क्या बिसात भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है लेकिन समय बदलते देर नहीं लगती।

मुख्य कोच गौतम गंभीर और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर की जोड़ी भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए कड़े और बड़े फैसले ले रही है और इस कड़ी में उनका सबसे बड़ा शिकार रोहित-विराट की जोड़ी हुई है।

एक समाचार पत्र ने पहले ही लिखा था कि सिर्फ वनडे प्रारूप खेल रहे रोहित और विराट के लिए ऑस्ट्रेलिया आखिरी सीरीज हो सकती है। अगर उन्हें आगे खेलना है तो विजय हजारे टूर्नामेंट खेलना होगा। जब विराट कोहली जरूरी फिजिकल टेस्ट देने लंदन से बेंगलुरु नहीं आए तो वह विजय हजारे खेलने भारत आएंग इस पर लोगों को शक है।

गंभीर और अगरकर दोनों ही बेहद मजबूत और जिद्दी हैं। अभी ये दोनों ही भारतीय क्रिकेट चला रहे हैं। न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कप्तान के तौर पर छह टेस्ट मैचों की हार के बाद रोहित को वनडे की कप्तानी से बर्खास्त करके बता दिया गया है कि यहां पर सबसे बड़ा भारतीय क्रिकेट है। सबसे बड़ी बात ये है कि अगरकर और गंभीर द्वारा संयुक्त रूप से लिए जा रहे फैसलों को बीसीसीआइ के शीर्ष लोगों का आशीर्वाद प्राप्त है।

रोहित-विराट योजनाओं में नहीं

गंभीर और अगरकर इस बात पर एकमत हैं कि रोहित और विराट 2027 विश्व कप की योजनाओं में शामिल नहीं हैं। टीम प्रबंधन को नहीं लगता कि रोहित-कोहली केवल एक अंतरराष्ट्रीय प्रारूप में कभी-कभार खेलकर और दो महीने आइपीएल खेलकर अपनी फार्म बरकरार रख सकते हैं।

चौंपियंस ट्राफी में रोहित की कप्तानी में मिली जीत के बावजूद उनसे कमान लेकर गिल को देना बताता है कि अब उनका अंतरराष्ट्रीय करियर लगभग खत्म होने वाला है। कोहली की फिटनेस पर कोई सवाल नहीं है लेकिन उनकी स्थिति भी रोहित जैसी है।

चयन समिति के प्रमुख अजित अगरकर ने पुष्टि की कि रोहित को कप्तानी में बदलाव के बारे में बता दिया गया है। उन्होंने टीम की घोषणा के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि ये मेरे और रोहित के बीच या हमारे (चयनकर्ताओं) और रोहित के बीच की बातचीत है। जाहिर है, उनहें यह बात बता दी गई है।

जब उनसे पूछा गया कि क्या विराट और रोहित 2027 विश्व कप तक खेलेंगे तो उन्होंने कहा कि वे अभी इसी प्रारूप में खेल रहे हैं और हमने उन्हें चुना है। जहां तक 2027 विश्व कप का सवाल है तो मुझे नहीं लगता कि उसके बारे में आज कप्तानी में बदलाव के साथ बात करने की जरूरत है। आपको कभी-कभी यह देखना होता है कि आगे क्या हो रहा है। एक टीम के रूप में आप कहां खड़े हैं और अंततरू यह देखना होता है कि टीम के सर्वाेत्तम हित में क्या है, चाहे वह अभी हो या शायद छह महीने बाद।

मुझे लगता है कि हमें (चीजों को) व्यवस्थित करने के लिए यही फैसले लेने होंगे। वे दोनों बहुत अनुभवी खिलाड़ी हैं और लंबे समय से टीम में हैं, इसलिए शायद उन्हें केवल एक ही प्रारूप में खेलना थोड़ा अजीब लगेगा। वह भी तब जब वनडे सबसे कम खेला जाता है।

अगरकर का मानना है कि क्रिकेट खेलने या न खेलने से कोई फर्क पड़ता है या नहीं, यह केवल कोहली और रोहित ही समझ सकते हैं। रोहित और कोहली के लिए वनडे में प्रासंगिक बने रहने के लिए फिलहाल रन ही एकमात्र जरिया है।

यह पूछे जाने पर कि समिति इन दोनों से क्या उम्मीद करती है, अगरकर का जवाब तीर की तरह सीधा था। वे सालों से यही करते आ रहे हैं। रन बनाने की कोशिश करते हैं। मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई बदलाव आएगा। हमें उम्मीद है कि वे ऐसा करते रहेंगे और आपको पता है कि आपको ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है।


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