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उत्तर प्रदेश में योगी ‘राज’ का असर- 2017 के बाद नहीं हुआ कोई दंगा

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लखनऊ। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ और बलवा के मामलों में भी कमी दर्ज की गई। 2023 में सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कुल अपराध दर राष्ट्रीय औसत से लगभग 25 प्रतिशत कम रही।

राष्ट्रीय दर 448.3 प्रतिशत के मुकाबले उत्तर प्रदेश की अपराध दर 335.3 प्रतिशत रही। आइपीसी के तहत देश में कुल 37,63,102 मुकदमे दर्ज हुए और उत्तर प्रदेश में 4,28,794 मुकदमे दर्ज हुए। इस मामले में राष्ट्रीय अपराध दर 270.3 और उत्तर प्रदेश में 181.3 रही। वहीं, महिलाओं के विरुद्ध अपराध के प्रदेश में कुल 66,381 मामले दर्ज हुए और अपराध दर 58.6 प्रतिशत रही। जबकि राष्ट्रीय अपराध दर 66.2 प्रतिशत रही। प्रति एक लाख जनसंख्या के सापेक्ष अपराधों की संख्या को अपराध दर (क्राइम रेट) के रूप में परिभाषित किया गया है।

2012 से 2017 के बीच प्रदेश में 815 दंगे

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, वर्ष 2012 से 2017 के बीच उत्तर प्रदेश में 815 दंगे हुए, जिनमें 192 लोगों की जानें गईं। वर्ष 2007 से 2011 के मध्य दंगे की 616 घटनाएं हुईं और 121 लोगों की जानें गईं। 2017 के बाद यूपी में कोई दंगा नहीं हुआ। बहराइच व बरेली में दो हिंसक झड़पें हुईं, जिनमें पुलिस ने 24 घंटे में स्थिति को नियंत्रित कर लिया। देश में बलवा के कुल 39,260 मामले दर्ज हुए, जबकि उत्तर प्रदेश में बलवा के 3,160 मामले दर्ज हुए। इस मामले में उत्तर प्रदेश देश में 20वें स्थान पर रहा। फिरौती के लिए अपहरण की देश में 615 घटनाएं दर्ज हुईं, जिनमें उत्तर प्रदेश में 16 घटनाएं दर्ज हुईं। इस श्रेणी में उत्तर प्रदेश का देश में 36वां स्थान रहा। देश में डकैती के कुल 3,792 मामले दर्ज हुए, जिनमें उत्तर प्रदेश में दर्ज मामलों की संख्या 73 रही। 2023 में देश में दुष्कर्म के 29,670 मामले दर्ज हुए और अपराध दर 4.4 प्रतिशत रही। जबकि उत्तर प्रदेश में दुष्कर्म के 3,516 मामले दर्ज हुए और अपराध दर 3.1 प्रतिशत रही। इस गंभीर अपराध में उत्तर प्रदेश का 22वां स्थान रहा।

पॉक्सो एक्ट मामले में 24वें स्थान पर प्रदेश

पॉक्सो एक्ट के तहत देश में कुल 67,694 मामले दर्ज हुए और अपराध दर 15.2 प्रतिशत रही। जबकि उत्तर प्रदेश में 8,706 मामले दर्ज हुए और अपराध दर 10.2 प्रतिशत रही। इस श्रेणी में यूपी का देश में 24वां स्थान रहा। महिला सम्मान भंग (शील भंग) से जुड़े मामलों में उत्तर प्रदेश का 19वां स्थान रहा। देश में ऐसे मामलों की कुल संख्या 83,891 रही और अपराध दर 12.4 प्रतिशत रही। जबकि उत्तर प्रदेश 9,453 मामले दर्ज हुए और अपराध दर 8.3 प्रतिशत रही। बच्चों के विरुद्ध अपराध में भी अपराध दर राष्ट्रीय दर से कम रही और उत्तर प्रदेश का 29वां स्थान रहा।

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