नियमित मानदेय और राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की मांग
सोनभद्र। सोनभद्र में शनिवार को ऑल इंडिया आशा बहु कार्यकर्ती कल्याण सेवा समिति के बैनर तले सैकड़ों आशा एवं संगिनी फैसिलिटेटर बहनों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया। जिला अध्यक्ष मंजू लता मौर्य के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन अपर जिलाधिकारी (एडीएम) को सौंपा।
प्रदर्शन कर रही आशा बहूओ ने कहा कि उनके मुख्य मांग नियमित मानदेय, राज्य कर्मचारी का दर्जा और लंबित भुगतानों को शीघ्र जारी किया जाऐ। उन्होंने यह भी मांग की कि कार्य के दौरान दुर्घटना होने पर 20 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए और आशा कार्यकर्ता की मृत्यु होने पर परिवार के सदस्य को नियुक्ति में प्राथमिकता मिले।
आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि वे वर्ष 2006 से, यानी पिछले 18 वर्षों से, स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न कार्यों जैसे मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, पोषण अभियान और कोविड-19 महामारी के दौरान महत्वपूर्ण सेवाएं ईमानदारी से दे रही हैं। उनका आरोप है कि उत्तर प्रदेश में उन्हें अन्य राज्यों की तरह निश्चित मानदेय/वेतन, टीए, डीए और प्रोत्साहन राशि नहीं मिल रही है।
आशा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि 31 अक्टूबर 2025 तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो 1 नवंबर 2025 से प्रदेशव्यापी कलमबंद हड़ताल शुरू की जाएगी। इसके बाद, सभी आशा कार्यकर्ता 15 नवंबर 2025 को दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगी और 17 नवंबर 2025 को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगी। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन से उत्पन्न किसी भी स्थिति की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की होगी।
जिला अध्यक्ष मंजू लता मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सभी का वेतन एक समान होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्या हम लोग उसे वेतन में नहीं आते हैं हमारी मांग है कि हम लोगों को समान वेतन मिलना चाहिए साथ ही राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए बस हमारी यही मांग है. म्योरपुर ब्लॉक से आईं इंदू लता ने अपनी बात रखते हुए कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को पर्याप्त भुगतान नहीं मिल रहा है, जबकि उनसे लगातार काम लिया जा रहा है। इस अवसर पर मायादेवी, मालती देवी, दारादेवी, सरना देवी, गीता देवी और रेखा देवी सहित कई अन्य आशा कार्यकर्ता उपस्थित थीं।
