आदिवासी क्षेत्रों में शासन और संस्थागत सुदृढ़ीकरण पर चर्चा
मिर्जापुर (राजेश सिंह)। सीखड़ विकास खंड स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, अदलपुरा द्वारा 8 नवंबर 2025 को महान स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़े के उपलक्ष्य में वनवासी सेवा केंद्र में संपन्न हुआ।
संस्थान के निदेशक डॉ. राजेश कुमार के मार्गदर्शन और नोडल अधिकारी एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. नीरज सिंह के निर्देशन में यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित हुआ। इसमें 50 से अधिक आदिवासी पुरुष, महिलाएं और युवा प्रतिनिधि शामिल हुए।
कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. सुदर्शन मौर्य ने कहा कि ष्सशक्त शासन तंत्र और मजबूत संस्थागत ढाँचा ही आदिवासी क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास की आधारशिला है।ष् उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों, सहकारी संस्थाओं, स्वयं सहायता समूहों और कृषि आधारित संगठनों को मजबूत करके इन क्षेत्रों में शासन की पहुँच, पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाई जा सकती है।
डॉ. मौर्य ने इस बात पर जोर दिया कि आदिवासी क्षेत्रों में विकासात्मक योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शासन की नीतियों में आदिवासी परंपराओं, संस्कृति और स्थानीय आवश्यकताओं को समाहित करना संस्थागत सुदृढ़ीकरण का एक अनिवार्य अंग है।
सह-समन्वयक डॉ. विकास सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ष्संस्थागत सुदृढ़ीकरण के माध्यम से शासन को जन-सहभागिता से जोड़ना ही सतत विकास का मार्ग है।ष् उन्होंने बताया कि आदिवासी युवाओं को शासन की योजनाओं और संस्थागत प्रक्रियाओं से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण, सूचना प्रौद्योगिकी और नेतृत्व विकास कार्यक्रमों की अत्यधिक आवश्यकता है।
कार्यक्रम का संचालन संस्थान के तकनीकी अधिकारी श्री अजय कुमार यादव ने किया। इस अवसर पर प्रतिभागियों को शासन की विभिन्न योजनाओं, नीतियों और संस्थागत ढाँचों के बारे में विस्तृत जानकारी भी दी गई।
