प्रयागराज (राजेश सिंह)। हड्डी में गहरी चोट लगी हो, या मांसपेशियों में किसी तरह की बड़ी समस्या हो जाए। आर्थाेबायोलाजिक्स इसमें व्यापक रूप से लाभदायक चिकित्सा साबित हो रही है। यह प्राकृतिक पदार्थों का उपयोग है जो मांसपेशियों, लिगामेंट में लगी चोट के उपचार में मदद करते हैं।
आर्थाेबायोलाजिक्स की उपयोगिता के विषय पर विमर्श
यह जानकारी रविवार को इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन (एएमए) के कन्वेंशन सेंटर में उप्र आर्थाेपेडिक्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. पीयूष कुमार मिश्रा ने दी। इम्प्लांट के बजाए आर्थाेबायोलाजिक्स की उपयोगिता के विषय पर एएमए ने वैज्ञानिक संगोष्ठी कराई। इसमें वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञों ने अपने अध्ययन को प्रस्तुत किए।
शल्य चिकित्सा के विकल्प में रूप में होता है उपयोग
डॉ. पीयूष ने कहा कि आर्थाेबायोलॉजिक्स का उद्देश्य उपचार को बढ़ावा देना, आपरेशन के दौरान दर्द कम होने देना और जोड़ों की कार्यक्षमता में सुधार करना है। यह अक्सर शल्य चिकित्सा के विकल्प के रूप में या उसे पूरक करने के लिए उपयोग किया जाता है।
प्लेटलेट समृ़द्ध प्लाज्मा की गूढ़ता बताई
प्लेटलेट समृद्ध प्लाज्मा के संबंध में उन्होंने बताया कि यह चोटिल ऊतकों में उपचार प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाले प्लेटलेट समृद्ध मिश्रण है। बताया कि इनका उपयोग गठिया और अन्य मांसपेशियों से संबंधित दर्द व सूजन को कम करने के लिए किया जाता है।
रोबोटिक सर्जरी सर्जिकल प्रक्रिया के बेहतर परिणाम
एसोसिएशन के सचिव डॉ. अमित जायसवाल ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी सर्जिकल प्रक्रियाओं के लिए न्यूनतम आक्रामक दृष्टिकोण है। इससे परिणाम बेहतर और सटीक मिलते हैं। इसमें सर्जन पूरे आपरेशन के दौरान नियंत्रण बनाए रखता है। यह भी कहा कि सर्जरी को सुविधाजनक बनाने के लिए रोबोटिक का उपयोग करता है।
रोबोटिक सर्जरी से आपरेशन के दिन मरीज चल सकता है
आंकड़ों के अनुसार उन्होंने कहा कि पारंपरिक ओपेन सर्जरी की तुलना में रोबोटिक सर्जरी से जटिलताएं कम आती हैं। कहा कि रोबोटिक सर्जरी से बड़ा फायदा यह मिलता है कि जिस दिन घुटने का रिप्लेसमेंट हो, मरीज उसी दिन धीरे-धीरे अपने बलबूते चल सकता है।
विशेषज्ञों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया
एएमए के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार मिश्रा ने विशेषज्ञों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। डॉ. एएन वर्मा, डॉ. प्रशांत त्रिपाठी, डॉ. संजीव पांडेय को प्रशस्ति पत्र दिए गए। डॉ. अनुभा श्रीवास्तव ने संचालन किया। संयुक्त सचिव डॉ. संतोष सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉ. जेवी राय, डॉ. कमल सिंह, डॉ. सुजीत कुमार सिंह, डॉ. सुबोध जैन, डॉ. आरके एस चौहान, डॉ. अनूप चौहान आदि उपस्थित रहे।
