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बंगाल में चाय की दुकानों और गली के कोनों पर बांटे गए एसआईआर फॉर्म, चुनाव आयोग में दर्ज हुई शिकायत

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नई दिल्ली। भारतीय निर्वाचन आयोग (म्ब्प्) को पश्चिम बंगाल में अलग-अलग राजनीतिक दलों की ओर से बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) के खिलाफ शिकायत मिली है कि इन लोगों ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए गणना फॉर्म सड़कों पर बांट दिए। आरोप है कि बीएलओ ने चाय की दुकानों, लोकल क्लबों, गली के कोनों, स्कूलों और अन्य सार्वजनिक जगहों पर इन फॉर्म्स को बांटा।

ऐसी खबरें आई हैं कि लोग बीएलओ से अपने फॉर्म लेने के लिए गली-मोहल्लों में दौड़ पड़े। इस जमीनी गतिविधि (फॉर्म वितरित करने) के लिए प्रशिक्षित होने के बावजूद, कुछ अधिकारियों ने चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए फॉर्म वितरित किए हैं। इन शिकायतों से राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को शर्मिंदगी उठानी पड़ी है।

चुनाव आयोग ने दी चेतावनी

शिकायतों के बाद, भारत निर्वाचन आयोग ने वरिष्ठ चुनाव अधिकारियों को चुनाव निकाय के दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने के लिए अग्रिम चेतावनी जारी की। बीएलओ को उनके कर्तव्यों और चुनावी नियमों की याद दिलाई गई और स्पष्ट रूप से कहा गया कि बूथ स्तर के अधिकारी केवल मतदाताओं के घर जाकर ही गणना प्रपत्र वितरित करें।

जिलाधिकारियों (डीएम) को भी इस मामले में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। चुनाव आयोग ने संकेत दिया है कि अगर कोई लापरवाही बरती गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बिहार मॉडल की तरह करना होगा काम

निर्देश के मुताबिक, बीएलओ को बिहार मॉडल के तहत काम करना होगा अर्थात एसआईआर अभियान के लिए गणना फॉर्म व्यक्तिगत रूप से मतदाताओं के घर पर पहुंचाना होगा और यह भी समझाना होगा कि इसे कैसे भरा जाएगा। इतना ही नहीं अगर मतदाता के मन में इसको लेकर कोई दुविधा है तो उसे भी दूर करना होगा।

चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि बीएलओ गतिविधियों की निगरानी के लिए जिला स्तर पर एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाए। हर दस बूथ पर एक बीएलओ पर्यवेक्षक होगा।

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