महामंडलेश्वर टीना मां का इस्तीफा, कहा-रास्ते से भटक गया अखाड़ा
प्रयागराज (राजेश सिंह)। महाकुंभ में सबसे ज्यादा चर्चाओं में रहे किन्नर अखाड़े में अब दो फाड़ में हो गया है। इस अखाड़े की महामंडलेश्वर और उप्र किन्नर कल्याण बोर्ड की मेंबर कौशल्या नंद गिरि उर्फ टीना मां ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आज सोमवार को नया अखाड़ा बनाकर घोषित कर दिया है। नए अखाड़े का नाम श्सनातनी किन्नर अखाड़ाश् रखा गया है। वहीं, किन्रर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मीनारायण ने कहा- इस नए अखाड़े के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। मीडिया से ही मुझे जानकारी हुई है।
टीना मां बोलीं, रास्ते से भटक गया था किन्नर अखाड़ा
दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत के दौरान टीना मां ने कहा- मैं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर रही। लेकिन किन्नर अखाड़ा कुछ समय से उस रास्ते से भटक गया, जिसके लिए यह अखाड़ा बनाया गया था। यही कारण रहा कि हमारी विचारधारा उस अखाड़े से नहीं मिल रही थी। इसलिए उस अखाड़े से मैं निकल गई हूं। अब हमने नया श्सनातनी किन्नर अखाड़ाश् बनाया है। आज यानी सोमवार को यह पूरी प्रक्रिया हो गई है।
सनातन धर्म को मजबूत करने के लिए कुछ भी करेंगे
टीना मां ने कहा, अपने नए अखाड़े के जरिए हम सनातन को और मजबूत करेंगे और इस सनातन धर्म का और विस्तार करेंगे। इसके लिए यदि हमें अपने जनों की आहुति भी देनी पड़ी तो हम पीछे नहीं हटेंगे।
महाकुंभ से शुरू हुआ था अंदरूनी विवाद
प्रयागराज के सेक्टर 16 में स्थापित किन्नर अखाड़ा महाकुंभ के समय सबसे ज्यादा चर्चाओं में रहा। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुआई में यह अखाड़ा संचालित हो रहा था। महाकुंभ के दौरान ही टीना मां और आचार्य महामंडलेश्वर में कहीं न कहीं अंदरूनी विवाद शुरू हो गया था और वहीं से दूरी बनने लगी थी।
ममता कुलकर्णी को लेकर भी थी नाराजगी
दरअसल, महाकुंभ में ही किन्नर अखाड़े में बालीवुड एक्ट्रेस को महामंडलेश्वर की पदवी दी गई थी। इस पर अखाड़े के तमाम पदाधिकारी सहमत नहीं थे। नए सनातनी किन्नर अखाड़े में शामिल भवानी मां ने कहा- किन्नर अखाड़े ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाया, जिसका नाम देशद्रोही दाउद से जुड़ा हुआ है। ऐसे लोगों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
2019 के कुंभ मेले में पीठाधीश्वर बनीं थीं
2019 के कुंभ मेले में टीना मां को पीठाधीश्वर बनाया गया। 2021 में किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनीं। प्रदेश सरकार ने किन्नर कल्याण बोर्ड का मेंबर भी बनाया है। टीना मां कहती हैं, आज समाज के हर वर्ग के लोग मेरे आश्रम में आते हैं। प्रयागराज के लोगों का स्नेह मिलता है। लोग विशेष अवसरों पर मुझे आंमत्रित करते हैं। आज मैं 40 किन्नर बच्चों की गार्जियन हूं। उनके आधार कार्ड पर मेरा नाम लिखा है। मैं ही उनकी मां हूं और उनका पिता भी।
किन्नर थी, इसलिए नहीं मिला मां-बाप का प्यार
टीना मां जन्म देहरादून के विकास नगर में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता पंडित टेकनारायण शर्मा सेना में थे। उनके दो भाई और दो बहनें हैं। जन्म के 6 महीने बाद ही उन्हें उस्ताद सलमा को सौंप दिया गया। टीना मां कहती हैं, सामाजिक लोक-लाज के चलते पापा को मुझे खुद से दूर करना पड़ा। गुरु (सलमा) ने मेरा पालन पोषण किया। मेरे सभी कागजों में मेरे गुरु का ही नाम है। किन्नर थी इसलिए मुझे मां-बाप और भाई-बहन का प्यार नहीं मिल सका।
