Ads Area

Aaradhya beauty parlour Publish Your Ad Here Shambhavi Mobile

दक्षिण भारत में मौजूद हैं भगवान विष्णु के ये प्रसिद्ध मंदिर, जीवन में एक बार जरूर करें दर्शन

sv news


भारत में ऐसे कई मंदिर स्थापित हैं, जिसके प्रति भक्तों की अटूट श्रद्धा देखने को मिलती है। आज हम आपको दक्षिण भारत में स्थित भगवान विष्णु  के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका आपको जीवन में एक बार दर्शन जरूर करना चाहिए...

प्रयागराज । भगवान विष्णु, त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश (भगवान शिव) में से एक हैं। साथ ही वह जगत के पालनहार भी कहलाते हैं। भारत में भगवान विष्णु के कई प्रसिद्ध मंदिर स्थापित हैं, जिनके दर्शन करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में आप दक्षिण भारत में स्थित भगवान विष्णु के इन प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन का भी सौभाग्य जरूर प्राप्त करें।

जगन्नाथ मंदिर के चमत्कार

उड़ीसा के पुरी में स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर, भगवान विष्णु के ऐसे विख्यात मंदिरों में शामिल है, जिसकी मान्यता दूर-दूर तक फैली हुई है। यह मंदिर, विष्णु भगवान के ही एक रूप श्री जगन्नाथ जी को समर्पित है। पुरी मंदिर में होने वाली वार्षिक रथ यात्रा काफी प्रसिद्ध है। भगवान जगन्नाथ के मंदिर में ऐसे कई चमत्कार होते हैं, जो सभी को हैरत में डाल देते हैं।

sv news

मंदिर के ध्वज का हवा की विपरीत दिशा में लहराना और कभी भी मंदिर की छाया न दिखना इन्हीं चमत्कारों में से एक है। इसी के साथ मंदिर की रसोई में सात मिट्टी के बर्तनों को एक के ऊपर एक रखकर खाना पकाया जाता है, जिसमें सबसे ऊपर के बर्तन में रखा हुआ खाना सबसे पहले पकता है।

तिरुपति बालाजी से जुड़ी मान्यताएं

तिरुपति बालाजी, भगवान विष्णु के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, जो आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में तिरुमाला की पहाड़ियों पर स्थित है। यहां भगवान विष्णु की पूजा श्री वेंकटेश्वर स्वामी के रूप में का जाती है, इसलिए मंदिर श्रीवेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

इस मंदिर को लेकर लोगों की यह मान्यता है कि कलयुग में भगवान विष्णु इसी स्थान पर निवास करते हैं। इसी के साथ यह भी माना जाता है कि भगवान श्री वेंकटेश्वर की मूर्ति के सिर पर लगे बाल असली है, जो कभी आपस में उलझते नहीं और हमेशा मुलायम बने रहते हैं।

ये है सबसे धनी मंदिर

श्री पद्मनाभस्वामी  मंदिर भगवान पद्मनाभस्वामी को समर्पित है, जो भगवान विष्णु के ही अवतार माने गए हैं। यह मंदिर केरल राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित है। पद्मनाभस्वामी का अर्थ है जिनकी नाभि (नभ) में कमल (पद्म) है। दूर-दूर से भक्त यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इस मंदिर को दुनिया का सबसे धनी मंदिर माना गया है।

गुरुवायुर मंदिर की खासियत

गुरुवायुर मंदिर केरल राज्य के त्रिशूर जिले में स्थित है। इस मंदिर को दक्षिण की द्वारका के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही इस मंदिर से भक्तों की अटूट श्रद्धा जुड़ी हुई है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के बालरूप गुरुवायुरप्पन को समर्पित है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, मंदिर का निर्माण देवगुरु बृहस्पति द्वारा किया गया था। इस मंदिर की एक खासियत यह है कि सूर्य की किरणें सबसे पहले भगवान गुरुवायुर के चरणों पर गिरती हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad