प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज में 1984 के सिख नरसंहार में शहीद हुए सिखों की याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। गुरुद्वारा पक्की संगत में महंत ज्ञान सिंह की अगुआई में अरदास संपन्न हुई, जिसमें बड़ी संख्या में सिख संगत शामिल हुई। इस दौरान दोषियों को सजा दिलाने और पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग जोरदार तरीके से उठाई गई।
आलोपी बाग गुरुद्वारा के प्रधान परमजीत सिंह बग्गा ने नरसंहार की पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि उस समय चार दिनों तक देशभर में कत्लेआम मचा रहा। निर्दाेष लोगों को मारा गया, उनके परिवार तबाह हो गए, बच्चे अनाथ और महिलाएं विधवा हो गईं। उन्होंने कहा कि सियासत ने इंसानियत की हत्या करवा दी, जिससे सिख समाज को अपार क्षति हुई।
भाजपा अल्पसंख्यक काशी क्षेत्र के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने कहा कि सिख नरसंहार को 41 वर्ष पूरे हो चुके हैं, लेकिन आज भी न्याय अधूरा है। उन्होंने बताया कि इस हिंसा में हजारों सिखों की हत्या, अरबों की संपत्ति की बर्बादी, और गुरुद्वारों को आग के हवाले किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की नीतियों ने देश में अनिश्चितता और भय का माहौल पैदा किया।
वहीं, गुरमीत सिंह ने अब तक न्याय न मिलने पर गहरा रोष जताया। उन्होंने कहा कि जब तक 1984 नरसंहार के दोषी सलाखों के पीछे नहीं होंगे, तब तक पीड़ितों के घाव नहीं भर पाएंगे। उन्होंने शीघ्र न्याय दिलाने की मांग की।
इस श्रद्धांजलि सभा में महंत ज्ञान सिंह, परमजीत सिंह बग्गा, सरदार पतविंदर सिंह, परमिंदर सिंह बंटी, राजेंद्र सिंह गुलाटी, हरभजन सिंह, निर्मल सिंह, गुरमीत सिंह, जसवीर सिंह, गुरबख्श सिंह और जसविंदर सिंह सहित सिख समुदाय के बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।