प्रयागराज (राजेश सिंह)। काशी (वाराणसी) और खजुराहो के बीच बहुप्रतीक्षित नई श्वंदे भारत एक्सप्रेसश् को रेलवे बोर्ड ने हरी झंडी दे दी है। यह सेमी-हाई स्पीड ट्रेन सप्ताह में छह दिन चलेगी, जिससे धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों को एक तेज़ और आधुनिक कनेक्टिविटी मिलेगी। केवल बुधवार को इस ट्रेन का संचालन नहीं होगा, बाकी सभी दिन यानी सोमवार, मंगलवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार और रविवार को यह अपने गंतव्य तक पहुंचेगी।
रेलवे बोर्ड निदेशक ने 31 अक्टूबर को जारी किया पत्र
रेलवे बोर्ड के निदेशक कोचिंग, संजय आर नीलम, ने 31 अक्टूबर को जारी पत्र में श्वाराणसी-खजुराहो वंदे भारतश् के संचालन का निर्देश जारी किया है, जिसका गाड़ी संख्या 26422-26421 है, लेकिन दैनिक संचालन में वंदे भारत का नंबर 224ग्ग् होता है। यह आमतौर पर उद्घाटन/विशेष सेवा संख्या होती है। दैनिक संचालन संख्या 224ग्ग् श्रृंखला में होती है। बोर्ड ने जोनल रेलवे को उद्घाटन समारोह की तिथि और दैनिक संचालन की समय तिथि जल्द जारी करने को कहा है। उत्तर रेलवे (वाराणसी) और उत्तर मध्य रेलवे (खजुराहो) के संयुक्त प्रयास से चलने वाली यह ट्रेन कई महत्वपूर्ण स्टेशनों से होकर गुजरेगी।
वाराणसी से खजुराहो (गाड़ी संख्या 26422)
- वाराणसी सुबह 5.25 बजे प्रस्थान।
- विंध्याचल सुबह 6.55 बजे आगमन (2 मिनट ठहराव)।
- प्रयागराज छिवकी सुबह 8.00 बजे आगमन (5 मिनट ठहराव)।
- चित्रकूट धाम सुबह 10.05 बजे आगमन (2 मिनट ठहराव)।
- बांदा सुबह 11.08 बजे आगमन (2 मिनट ठहराव)।
- महोबा दोपहर 12.08 बजे आगमन (2 मिनट ठहराव)।
- खजुराहो दोपहर 1.10 बजे आगमन।
खजुराहो से वाराणसी (गाड़ी संख्या 26421)
- खजुराहो दोपहर 3.20 बजे प्रस्थान।
- महोबा शाम 4.18 बजे आगमन (2 मिनट ठहराव)।
- बांदा शाम 5.13 बजे आगमन (2 मिनट ठहराव)।
- चित्रकूट धाम शाम 6.13 बजे आगमन (2 मिनट ठहराव)।
- प्रयागराज छिवकी रात 8.20 बजे आगमन (5 मिनट ठहराव)।
- विंध्याचल रात 9.10 बजे आगमन (2 मिनट ठहराव)।
- वाराणसी रात 11.00 बजे आगमन।
प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर पांच मिनट रुकेगी
प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर इस ट्रेन का ठहराव दोनों दिशाओं में पाँच मिनट का होगा, जबकि अन्य सभी स्टेशनों पर यह मात्र दो-दो मिनट के लिए रुकेगी। ट्रेन की प्राथमिक मेंटेनेंस की जिम्मेदारी वाराणसी रेलवे स्टेशन के पास होगी।
धार्मिक और पर्यटन स्थलों को तेज गति का उपहार
यह वंदे भारत एक्सप्रेस देश के कुछ सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को आपस में जोड़ेगी। वाराणसी (काशी) विश्व के सबसे प्राचीन शहरों में से एक, जो भगवान शिव की नगरी और आध्यात्मिक राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है। विंध्याचल मां विंध्यवासिनी देवी के शक्तिपीठ के लिए प्रसिद्ध धार्मिक केंद्र। प्रयागराज त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलन) की पवित्र नगरी, कुंभ और अर्धकुंभ का आयोजन स्थल। चित्रकूट धाम भगवान राम की तपोभूमि, जहाँ उन्होंने वनवास का एक महत्वपूर्ण समय व्यतीत किया था। यह अपनी शांत सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। खजुराहो विश्व प्रसिद्ध यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, जो अपने मध्यकालीन मंदिरों और उत्कृष्ट मूर्तिकला (विशेषकर कामुक कलाकृतियों) के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर है। इस नई ट्रेन के चलने से पर्यटकों और श्रद्धालुओं को इन स्थानों की यात्रा करना बेहद आसान और सुविधाजनक हो जाएगा।
प्रयागराज के छिवकी को मिला पहला तोहफा
प्रयागराज को जोड़ने वाली यह पांचवीं वंदे भारत एक्सप्रेस होगी, लेकिन इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह प्रयागराज छिवकी रेलवे स्टेशन पर रुकने वाली पहली वंदे भारत होगी। अभी तक, प्रयागराज से होकर गुजरने वाली या यहीं से शुरू होने वाली सभी चार वंदे भारत ट्रेनों (वाराणसी-नई दिल्ली की दो, वाराणसी-आगरा और गोरखपुर-प्रयागराज) का ठहराव प्रयागराज जंक्शन पर होता रहा है।
महत्वपूर्ण टर्मिनल है छिवकी स्टेशन
छिवकी स्टेशन प्रयागराज का एक महत्वपूर्ण टर्मिनल है जो शहर के पूर्वी हिस्सों के लिए एक बड़ी राहत है। इस ट्रेन का छिवकी पर ठहराव होने से जंक्शन पर पड़ने वाला यात्री दबाव कम होगा और पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व बुंदेलखंड के यात्रियों को विशेष सुविधा मिलेगी। यह छिवकी रेलवे स्टेशन के बढ़ते महत्व को भी रेखांकित करता है।
