प्रयागराज (राजेश सिंह)। श्री बांके बिहारी परिवार एवं श्री श्री अग्रसेन अग्रवाल समाज, प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के शुभारंभ अवसर पर आज भव्य, भक्तिमय एवं अनुशासित कलश यात्रा का आयोजन किया गया। श्रद्धा, भक्ति और उल्लास से सराबोर वातावरण में निकली यह कलश यात्रा चौधरी गार्डन, गेट नंबरदृ2 से प्रारंभ होकर निर्धारित मार्गों से होती हुई पुनः चौधरी गार्डन, गेट नंबरदृ2 पर सम्पन्न हुई। कलश यात्रा के सफल समापन के साथ ही आज से श्रीमद्भागवत कथा का विधिवत शुभारंभ हो गया।
कलश यात्रा में श्री अग्रसेन अग्रवाल समाज के अध्यक्ष पीयूष रंजन अग्रवाल, महामंत्री अभिषेक मित्तल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनोज अग्रवाल, डॉक्टर बी बी अग्रवाल, अग्रवाल युवा मंडल के अध्यक्ष अभिनव अग्रवाल, महामंत्री वैभव गोयल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशुतोष गोयल, कोषाध्यक्ष अंशु अग्रवाल सहित समाज के अनेक पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम में अंकित अग्रवाल, सौरभ अग्रवाल, राहुल अग्रवाल, सचिन अग्रवाल, अनुप अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, प्रमय मित्तल, आशीष गोयल, अर्पित अग्रवाल, अजीत बंसल, राजन टंडन, विवेक अग्रवाल, मनोज टंडन, अमल सेठ, अंकुर अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिकों की गरिमामयी सहभागिता रही।
अग्रवाल महिला मंडल की अध्यक्ष मोना अग्रवाल, महामंत्री नंदिता अग्रवाल, सह कोषाध्यक्ष पूजा अग्रवाल, निधि बंसल, रूपाली गोयल, आकांक्षा अग्रवाल, रीनू मित्तल, श्रुति अग्रवाल, माया अग्रवाल, प्रिया गोयल, मोहिनी अग्रवाल, नीलम टंडन, ज्योति मेहरोतअमल, रश्मि पुरवार, श्वेता पुरवार, मनीषा सेठ एवं नीतू मेहरोत्रा की सक्रिय सहभागिता ने आयोजन को और अधिक भव्य, अनुशासित एवं सुव्यवस्थित स्वरूप प्रदान किया।
कलश यात्रा मार्ग एवं आयोजन स्थल की साज-सज्जा, आकर्षक विद्युत एवं प्रकाश व्यवस्था में संजय लाइट हाउस का विशेष योगदान रहा। उनकी उत्कृष्ट लाइटिंग व्यवस्था ने पूरे क्षेत्र को भक्तिमय और उत्सवपूर्ण वातावरण से आलोकित कर दिया, जिसकी श्रद्धालुओं एवं आयोजकों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की।
श्रीमद्भागवत कथा का रसपान कथा व्यास पद्महस्ता भारती के श्रीमुख से 14 दिसम्बर से 20 दिसम्बर 2025 तक प्रतिदिन अपराह्न 3 बजे से सायं 7 बजे तक कराया जाएगा। कथा के दौरान भारतीय संस्कृति, सनातन मूल्यों एवं जीवन दर्शन से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर सारगर्भित विवेचन किया जाएगा। कथा में विशेष रूप से “भारतीय संस्कृति के विरुद्ध षड्यंत्र क्यों?” जैसे समसामयिक एवं विचारोत्तेजक विषय पर प्रकाश डाला, जिसमें बताया कि किस प्रकार हमारी परंपराओं, संस्कारों और धार्मिक मूल्यों को कमजोर करने के प्रयास किए जा रहे हैं और ऐसे समय में श्रीमद्भागवत जैसे ग्रंथ समाज को सही दिशा प्रदान करते हैं।
इसके साथ ही भागवत महात्म्य का विस्तारपूर्वक वर्णन करते हुए यह बताया जाएगा कि श्रीमद्भागवत केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन को धर्म, कर्म, भक्ति और ज्ञान के मार्ग पर ले जाने वाला दिव्य प्रकाश है। राजा परीक्षित प्रसंग के माध्यम से यह संदेश दिया जाएगा कि मृत्यु के भय के समय भी यदि मनुष्य श्रीहरि की शरण में जाए तो उसका जीवन सार्थक हो जाता है। परीक्षित और शुकदेव संवाद मानव जीवन के अंतिम सत्य, वैराग्य और भक्ति का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करता है। कथा के उपरांत प्रतिदिन श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया जाएगा। कार्यक्रम का समापन 20 दिसम्बर 2025 को भव्य भंडारे के साथ होगा।
