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हिजाब में लिपटी अमेरिकी सांसद, भाई से ही कर ली शादी!

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डोनाल्ड ट्रंप भारत विरोधी इलहान उमर के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उसकी नागरिकता सवालों के घेरे में आ गई है। आरोप है भारत तक इसकी पुष्टि नहीं करता है। आरोप है कि इलहान उमर ने अमेरिकी नागरिकता के लिए अपने भाई से शादी की...

रत विरोधी चेहरा है अमेरिका में और पाकिस्तान का प्रोपोगेंडा कश्मीर के खिलाफ प्रोपगेंडा जो करती है उसको लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है और यह ऐसा खुलासा है अगर यह साबित हो जाता है तो पूरी दुनिया में इलहान उमर शर्मसार हो जाएगी। पहले ही उस पर कई तरह के फेबर्स लेने की बात की जाती रही है। लेकिन अब जो जानकारी सामने आ रही है उसमें अमेरिकी राष्ट्रपति तक उसके खिलाफ अब बोल रहे हैं। यानी कि डोनाल्ड ट्रंप भारत विरोधी इलहान उमर के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उसकी नागरिकता सवालों के घेरे में आ गई है। आरोप है भारत तक इसकी पुष्टि नहीं करता है। आरोप है कि इलहान उमर ने अमेरिकी नागरिकता के लिए अपने भाई से शादी की।

सोमालिया में जन्मी मिनीसोटा से डेमोक्रेटिक सांसद इलहान उमर एक बार विवादों में फिर फंस गई है। उस पर अमेरिकी नागरिकता हासिल करने के लिए शादी और इमीग्रेशन धोखाधड़ी करने का आरोप है। इस बार ट्रंप समर्थक उसकी नागरिकता रद्द करने, देश से उसे निकालने की मांग कर रहे हैं। यह आरोप पहली बार साल 2016 में लगा। आलोचकों का दावा है कि उसने नागरिकता हासिल करने के लिए 2009 में अहमद नूर सैद एलमी से शादी की जो उसके भाई हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में उमर की इमीग्रेशन बैकग्राउंड का मुद्दा उठाया। ट्रंप ने आरोप लगाया कि उमर अवैध रूप से अमेरिका आई और अपने भाई से शादी करके अमेरिका की नागरिकता ले ली। ट्रंप का यह बयान वाइट हाउस के पास गोलीबारी की घटना के बाद सामने आया। हमले को एक अफगान नागरिक ने अंजाम दिया जिसमें दो सिक्योरिटी गार्ड घायल हुए। इसमें से एक की मौत हुई जिसके बाद इमीग्रेशन का ट्रंप का रुख और कठोर हुआ।

उमर बनाम ट्रम्प

ट्रंप की टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर उमर की शादी के रिकॉर्ड की तस्वीरें बड़े पैमाने पर वायरल हुई और डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी से तत्काल कारवाई की मांग की। इलहान उमर को हम भारत विरोधी क्यों कह रहे हैं? दरअसल इलहान उमर पहले भी भारत विरोधी रुख को लेकर आलोचना के केंद्र में रही है। 2022 में उसने पीओके का दौरा किया। स्थानीय नेताओं से मुलाकात की। अपने चार दिवसीय पीओके के दौरे में उसने कश्मीर में मानव अधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए। भारत सरकार पर अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया। भारत ने उमर के पीओके दौरे की कड़ी निंदा की थी। अमेरिका से आपत्ति जताई थी। लेकिन ये इलहान उमर जो है ये फेबस लेने वाली सांसद जो है वो पाकिस्तानी पैसों पर पीओके में वेकेशन करती हुई नजर आई और पाकिस्तान के पैसे पर आनंद लेते हुए इसने इस तरह की चीजें की। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उमर के सबसे मुखर आलोचक रहे हैं, उन्होंने उनके इस्तीफे की मांग की और एक से अधिक मौकों पर उन्हें निशाना बनाया। ट्रंप ने चुनावी रैली में एक बार कहा था कि वह हमारे देश से नफरत करती है। वह एक ऐसी जगह से आती हैं, जहां सरकार भी नहीं है, और फिर वह यहां आती हैं और हमें बताती हैं कि हमारे देश को कैसे चलाना है।

कौन है इल्हान उमर ?

40 साल की इल्हान सोमालियाई अमेरिकी राजनेता हैं जो साल 2019 से मिनिसोटा में चुनाव जीतकर हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में आई थी। वो अमेरिकी संसद यानी कांग्रेस में पहुंचने वाली पहली दो मुस्लिम महिला सांसदों में से एक हैं। अमेरिकी संसद में पहुंचने वाली वो पहली सोमालियाई अमेरिकी नागरिक भी हैं। मूल रूप से वो अफ्रीका की नागरिक रही हैं। उमर ने एसोसिएटिव प्रेस से बात करते हुए कहा था, वह सोमालिया के नागरिक युद्ध से भागे शरणार्थी के रूप में 1995 में 12 साल की उम्र में अमेरिका पहुंची थीं। वह पांच साल बाद 17 साल की उम्र में अमेरिकी नागरिक बनीं। हिजाब पहनकर शपथ लेने वाली वो पहली अमेरिकी मुस्लिम सांसद बनीं।

इज़राइल और यहूदी-विरोधी

अमेरिकी कांग्रेस की महिला सांसद को यहूदी-विरोधी के आरोपों का बार-बार सामना करना पड़ा है। 2012 में, उमर ने ट्वीट किया था, ष्इजरायल ने दुनिया को सम्मोहित कर लिया है। इसके साथ ही उन्होंने फिलिस्तीन के खिलाफ इजरायल के ऑपरेशन पर निशाना साधा था। उमर ने अमेरिका और इजरायल की तुलना तालिबान और हमास से कर दी थी। जिसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में 25 में से 12 यहूदी सांसद है। यहूदी सांसदों के समूह ने तब कहा था, इल्‍हान उमर ने जिस तरह से बिना सोचे समझे ये बयान दिया है, उससे आतंकवादियों को संरक्षण मिलेगा। लेकिन उमर ने इसी तरह की टिप्पणियां करना जारी रखा। एक हफ्ते बाद इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष पर चर्चा करने वाले एक पैनल पर बात करते हुए, उसने कहा, ष्मैं इस देश में राजनीतिक प्रभाव के बारे में बात करना चाहती हूं जो कहती है कि किसी विदेशी देश के प्रति निष्ठा के लिए जोर देना ठीक है।

9/11 विवाद

मार्च 2019 में काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस (ब्।प्त्) में उमर के भाषण को लेकर भी खूब विवाद हुआ था। जब उन्होंने कहा था कि बहुत लंबे समय से हम दूसरे दर्जे के नागरिक होने की परेशानी के साथ जी रहे हैं, और सच कहूं तो मैं इससे थक चुकी हूं, और इस देश के हर मुसलमान को इससे थक जाना चाहिए। अपने 20 मिनट लंबे भाषण में इल्हान ने मुसलमान समुदाय के ख़िलाफ़ इस्लामोफ़ोबिया और न्यूज़ीलैंड की मस्जिदों पर हुए हमलों जैसे मुश्किल हालातों पर चर्चा की। सीएआईआर की स्थापना 9/11 के हमलों के बाद हुई थी क्योंकि उन्हें लगा कि कुछ लोगों ने कुछ किया और हम सभी के नागरिक अधिकार ख़त्म होने लगे थे।


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