पशुओं की जेनेरिक दवाएं 70-80% सस्ती मिलेंगी
प्रयागराज (राजेश सिंह)। जिस तरह लोगों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने जगह-जगह प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खुलवाए हैं। इसी तर्ज पर अब पशुपालन विभाग भी पशुओं की सस्ती दवाएं बेचने वाले पशु औषधि केंद्र खुलवाने जा रहा है। इन केंद्रों पर पशुपालकों को नामी-गिरामी कंपनियों के सापेक्ष कम दाम पर दवाएं उपलब्ध होंगी। इससे पशुओं के इलाज में खर्च से थोड़ी राहत मिलेगी।
पशुपालन विभाग ने ग्रामीण अंचल में तमाम पशु चिकित्सालय खोलवाए हैं। यहां पर गाय और भैंस आदि पशुओं के निश्शुल्क इलाज की सुविधा है, लेकिन कई बार दवाएं पर्याप्त नहीं रहती हैं। यही नहीं अक्सर पशुपालक चिकित्सकों को अपने घर बुलाते हैं। इसमें उन्हें दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ती है। बड़ी-बड़ी कंपनियों की दवाएं खरीदने में पशुपालकों की जेब ढीली होती है।
इसी समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने पशु औषधि केंद्र खोलवाने की पहल की है। इन केंद्रों में पशुपालकों को जेनरिक दवाएं आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे। अन्य कंपनियों की दवाओं के मुकाबले यह करीब 70 से 80 प्रतिशत तक सस्ती होंगी।
पशुपालन विभाग ने इस पर काम शुरू भी कर दिया है। पहले चरण में ब्लाक स्तर पर एक-एक पशु औषधि केंद्र खोलने की योजना है। इसके अलावा कृषक सेवा केंद्र और सहकारी समितियों पर भी यह केंद्र खोले जाएंगे। इसके तहत पशुपालन विभाग ने आनलाइन आवेदन मांगे हैं। जरूरत पड़ने पर बाद में इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।
पशु औषधि केंद्र के लिए फार्मासिस्ट का पंजीकरण प्रमाण पत्र, ड्रग लाइसेंस लगेगा। इसके अलावा केंद्र खोलने के लिए कम से कम 120 वर्ग फीट की जगह होनी जरूरी है। विभाग आवेदन पत्रों की जांच और संबंधित स्थल की जांच करेगा।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. शिवनाथ यादव का कहना है कि पशु औषधि केंद्र पशुपालकों के लिए काफी लाभदायक साबित होंगे। यहां से पशुओं की दवाएं सस्ते दाम पर मिल जाएंगी। इन केंद्रों के लिए आवेदन मांगे गए हैं।
