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अखिलेश यादव ने ईवीएम धांधली का लगाया आरोप, एग्जिट पोल पर उठाए गंभीर सवाल

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ईवीएम धांधली का आरोप लगाया है और एक्जिट पोल पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की मतगणना पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने काउंटिंग में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने एग्जिट पोल्स में भारतीय जनता पार्टी की जीत की भविष्यवाणी को भी इसी साजिश का एक हिस्सा बताया है। अखिलेश ने मंगलवार शाम लखनऊ में पत्रकार वार्ता कर कहा कि यह लोकतंत्र की आखिरी लड़ाई है और अब बदलाव के लिए क्रांति करनी होगी। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव पर मतगणना में गड़बड़ी की कोशिश के आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वह जिलों में फोन करके मतगणना प्रक्रिया को धीरे करने के लिए कह रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वाराणसी में ईवीएम की एक गाड़ी पकड़ी गई, दो भाग गईं। यदि सरकार वोट की चोरी नहीं कर रही थी तो बताए दो गाड़ियां क्यों भागीं। सुरक्षा का इंतजाम क्यों नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि बनारस के अलावा बरेली में ईएवीएम के तीन बाक्स और 500 बैलेट पकड़े गए। इसके अलावा सोनभद्र में घोरावल के एसडीएम ईवीएम पकड़ी गई। सपा अध्यक्ष ने सोमवार को विभिन्न एजेंसियों के एग्जिट पोल्स में भाजपा की जीत की भविष्यवाणी को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल से ऐसी धारणा बनाना चहते हैं कि भाजपा जीत रही है। ताकि चोरी भी करें तो पता ना लगे कि चोरी हुई है। यदि हमने वोट दिया है तो मैं नौजवानों, किसानों और आम लोगों से कहूंगा कि हमारी जिम्मेदारी है कि वोट को बचाएं। वोट नहीं गिना जाएगा तो लोकतंत्र कहां जाएगा। यह लोकतंत्र की आखिरी लड़ाई है। इसके बाद तो जनता को क्रांति करनी पड़ेगी। तभी बदलाव आएगा। वाराणसी के डीएम की प्रतिक्रिया पर अखिलेश ने कहा कि डीएम क्या होता है? इस डीएम को मैं भी जानता हूं। मैंने ही मुजफ्फरनगर पोस्टिंग दी थी। ईवीएम को मूव करने से पहले प्रत्याशी को बताएं। ये डीएम बनारस बेईमानी करा रहा है। मुझे चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं है। चुनाव आयोग को मामले को देखना चाहिए। उसे वाराणसी के डीएम पर कर्रवाई करनी चाहिए। सपा प्रमुख ने एक्जिट पोल को लेकर कहा कि एग्जिट पोल के लिए पैसा कौन दे रहा है? क्या चैनलों को ये डेटा मुफ्त दिया जा रहा है? उन्‍होंने कहा कि जहां किसान इतने दिन बैठ सकते हैं तो हम तीन दिन तो बैठ ही सकते हैं। अगर हमें कोर्ट का सहारा लेना पड़ेगा तो लेंगे। कोर्ट से पहले में आपके माध्यम से अपील करता हूं कि लोकतंत्र को बचाने वाले सामने आएं।

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