अभी ऑपरेशन नहीं हुआ है खत्म
स्लोवाकिया में यूक्रेन से निकले भारतीय छात्रों से बातचीत करते हुए चुनौतियों और पेचीदगियों के बारे में बताते हुए भरोसा दिया कि अभी ऑपरेशन खत्म नहीं हुआ है. अभी भी अंदर कई लोग फंसे हुए हैं. उन लोगों को बाहर निकालना प्रायोरिटी है. हम उन सभी को यह भरोसा देते हैं कि हम सभी भारतीय को सुरक्षित निकालेंगे. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे नागरिकों को सुरक्षित करने और उन्हें जल्द से जल्द घर लोने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए हैं. इस तरह बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाने वाला भारत दुनिया का सबसे पहले देश है.
कहां फंसा है पेच
भारतीय छात्रों से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि लेकिन कुछ लोग ईस्टर्न में हैं. वार जोन में हैं. क्या करें, हमारा एंबेसी स्टाफ भी नहीं जा पाते. फायरिंग चल रही है, बमबार्डिंग है. इसलिए दिक्कत है. उन्होंने कहा कि कुछ डिस्ट्रेस वीडियो आ जाते हैं, जो हमारे देश में सर्कुलेट हो जाते हैं. तो लोगों को ऐसा लगने लगता है कि हमारे एंबेसी वाले वहां क्यों नहीं पहुंच पा रहे हैं.
धमाकों के बीच पहुंचना आसान नहीं
किरेन रिजिजू ने कहा कि वहां हालात ठीक नहीं है. वहां पहुंचना आसान नहीं है, जैसा हम सोचते हैं कि एंबेसी वाले वहां जा क्यों नहीं रहे हैं? दूर से बैठकर ऐसा सोचना आसान है, लेकिन उन इलाकों में जाना आसान नहीं है. परिस्थितियां बेहद चुनौती भरी हैं और इन्हीं चुनौतियों में हम काम कर रहे हैं, लोगों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम सभी को सुरक्षित निकालने प्रयास कर रहे हैं और जब तक हम एक-एक भारतीय नागरिक को यहां से निकाल नहीं लेते, मैं इस जगह को नहीं छोड़ूंगा.
किरेन रिजिजू ने भारती मूल के अक्षय की प्रशंसा की
इसके साथ ही, ऑपरेशन गंगा भारतीय छात्रों को निकालने के लिए भारत सरकार के मिशन के तहत स्लोवाकिया गए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भारतीय मूल के एक शख्स और उसके दोस्त के प्रयासों की जमकर प्रशंसा की, जो भारतीय नागरिकों को युद्ध प्रभावित यूक्रेन से बाहर निकालने में मदद कर रहे है. रिजीजू ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू पर अक्षय कुमार दीक्षित नाम के शख्स की फोटो पोस्ट की और लिखा, 'भारतीय मूल के अक्षय कुमार दीक्षित स्लोवाकिया में रहते हैं. वे और उनके दोस्त यूक्रेन से आने वाले भारतीयों की निकालने में हर तरह की मदद करने के मिशन में मेरे साथ रहे हैं.