प्रयागराज (राजेश सिंह)। वकील ने महिला जज से बिना शर्त माफी मांग ली। इसके बाद हाई कोर्ट ने दो हजार रुपये जुर्माना लगाकर उसे छोड़ दिया लेकिन कहा है कि बिना जुर्माना किए अदालत परिसर में प्रवेशन नहीं मिलेगा। हुआ यह था कि वकील ने भरी अदालत में महिला जज को अपशब्दों से अपमानित किया। इस मामले में हाईकोर्ट में अवमानना कार्यवाही चल रही थी। माफी मांगने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दो हजार रूपए जुर्माने के साथ कार्यवाही समाप्त कर दी। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार तथा न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने दिया है। मऊ जिला अदालत में वकील कृष्ण कुमार यादव को जुर्माना राशि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मऊ में जमा करना होगा। अधिवक्ता के आचरण और व्यवहार को दो साल निगरानी में रखा जाएगा। अधिवक्ता कृष्ण कुमार यादव ने एक महिला न्यायाधीश आराधना रानी अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश फैमिली कोर्ट मऊ के खिलाफ बहस के दौरान मार्च 2019 में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। कोर्ट ने कहा अधिवक्ता ने अदालत का अपमान किया और अदालत के अधिकार को कम करने की कोशिश की है। न्यायिक कार्यवाही में भी बाधा डाली है और हस्तक्षेप किया है जो अवमानना है और दंडनीय है। अधिवक्ता को बचाव प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। शुरू में उन्होंने घटना के आरोपों और तथ्य को नकारा और कार्यवाही पर प्रारंभिक आपत्ति उठाते हुए हलफनामा दायर किया। हालांकि यह भी कहा कि महिला न्यायाधीश से बिना शर्त माफी भी मांगी थी। अधिवक्ता को बचाव प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। शुरू में उन्होंने घटना के आरोपों और तथ्य को नकारा और कार्यवाही पर प्रारंभिक आपत्ति उठाते हुए हलफनामा दायर किया। हालांकि यह भी कहा कि महिला न्यायाधीश से बिना शर्त माफी भी मांगी थी। बाद में हाईकोर्ट में दाखिल आपत्ति हलफनामा वापस लेते हुए फिर से बिना शर्त माफी मांगी। और कहा कि वह मऊ में जिला न्यायालय में 31 साल से कार्यरत वकील हैं। इसलिए, उनकी बिना शर्त माफी को स्वीकार किया जाय। उन्होंने हाथ जोड़कर कोर्ट से दया की गुहार लगाई और अदालत को भविष्य में अच्छे और उचित आचरण करने का आश्वासन भी दिया।