कोरांव, प्रयागराज (सत्यम तिवारी)। वरासत दर्ज कराने के संबंध में कमिश्नर से लेकर जिलाधिकारी तक का स्पष्ट आदेश है कि इस प्रकरण को तत्काल निपटाया जाए , लेकिन कोरांव तहसील के जिम्मेदार वरासत के प्रकरण को उतना ही लटकाने में यकीन रखते । कोरांव तहसील की हालत यह है कि यहां पर पैसा देने के बाद भी वरासत दर्ज करवाने में लोगों की चप्पल घिस जा रही है । अभी कुछ दिन पहले ही कमिश्नर ने मुख्यालय पर औचक निरीक्षण के दौरान वरासत के मामलों में त्वरित कार्यवाही करने का आदेश दिया था , बावजूद इसके लोग तहसील का चक्कर लगाने के लिए मजबूर हैं । मौजूदा समय में कोरांव तहसील में रोजाना दर्जनों लोग सिर्फ और सिर्फ वरासत दर्जकरवाने के लिए आते हैं । दिनभर तहसील में भटकने के बाद शाम को घर लौट जाते हैं । लोगों का कहना हैकि पैसा देने के बाद भी संबंधित जिम्मेदारों के द्वारा वरासत दर्ज कराने में आनाकानी की जा रही है । नाम नहीं छापने की शर्त पर कुछ लोगों ने बताया कि ऑनलाइन रिपोर्ट प्रेषित करने के बावजूद भी नहीं खतौनी में नाम नहीं चढ़ाया जा रहा है । वरासत दर्ज करवाने केलिए भटक रहे लोगों का कहना है कि एक तो बाहर से आवेदन नहीं हो रहा और यदि किसी तरह आवेदन हो जा रहा तो लेखपाल को ज़ब तक सुविधा शुल्क नहीं मिल जाता , तब तक लेखपाल द्वारा रिपोर्ट नहीं लगाई जा रही है । क्षेत्रीय लोगों ने उच्चाधिकारियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया है ।