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आस्था धर्म
आज शनिवार 20 अगस्त 2022 है।भगवान कृष्ण को माखन खाना बेहद पसंद था. वे अपने घर में यशोदा मैया के हाथ तैयार माखन तो खाते ही थे साथ ही गोकुल के अन्य घरों के माखन भी अपनी टोली के साथ मिल कर चुरा लेते थे यही वजह है कि उन्हें 'माखन चोर' नाम मिला.
भगवान कृष्ण का पूरा जीवन दिशा दिखाने का कार्य करता है. उन्होंने जो भी किया उसके पीछे विशेष उद्देश्य था यही वजह है कि भक्त भगवान कृष्ण की पूजा पूरे मन से करते हैं. जानें कृष्ण के बांसुरी बजाने से लेकर मोर पंख धारण करने के पीछे क्या है कारण. भगवान कृष्ण को बांसुरी इतनी अत्यधिक प्रिय थी कि उनका एक लोकप्रिय नाम 'मुरलीधर' भी पड़ गया. बांसुरी एक मधुर वाद्य है जो संदेश देता है कि हमारा जीवन भी बांसुरी की तरह मधुर होना चाहिए. परिस्थिति कैसी भी हो हमें हमेशा खुश रहना चाहिए और खुशियां फैलानी चाहिए. मोर पंख भी श्री कृष्ण को इतना अधिक प्रिय है कि उन्हें मोर कुकुटधारी कहा जाता है. धार्मिक ग्रंथों में भी मोर पंख का महत्व है. यह जीवन में आने वाली परेशानियों को कम करता है. सुख, शांति और समृद्धि लाता है.
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