मेजा, प्रयागराज। (हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
मेजा में बाबा बोलन नाथ धाम मेले के दो दिन बाद लगने वाला खोहिया का मेला शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। मेले की तैयारियों को लेकर गांव के लोग लगे रहे।बताते है कि स्थानीय मेला होने के कारण दोपहर बाद यहां मेले में भीड़ लगती है।
बता दें कि मेजा के जमुआ गांव स्थित पहाड़ी के किनारे पर खोही माता का दरबार है। गांव सहित दूर दराज के लोग खोही माता के दर्शन करने आते हैं। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मेजा बोलन नाथ धाम मेले के दो दिन बाद (बौनी दुआस) पर यहां मेला लगता है। आज मेले की तैयारियों को लेकर सुबह से दोपहर तक मेले की तैयारियां होती रही। और दोपहर बाद से देर शाम तक मेला चलता रहा। गांव के ही शिवमनि कुशवाहा ने बताया कि खोही माता के दरबार में रात भर भजन कीर्तन किया जाता है। उसके दुसरे दिन कीर्तन के बाद गांव सहित क्षेत्रीय लोग खोही माता के दरबार में दर्शन करने आते हैं और मेले का आनन्द लेते हैं। शिवमनि कुशवाहा ने बताया कि खोही माता का दरबार भी महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। जब भी यहां मेजा मे बाबा बोलन नाथ धाम का मेला लगता है उसके दो दिन बाद यहां मेला लगता है। खोही माता के दरबार मे बारहों महीने पानी निकलता है। कितनी भी भयंकर गर्मी हो लेकिन यहां पानी हमेशा निकलता रहता है। सभी लोग स्नान कर माता का जलाभिषेक कर दर्शन करने आते हैं।फिलहाल बिना किसी वैलिंटियर और पुलिस के ही मेला शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया।ग्राम प्रधान राकेश यादव ने बताया कि यह परंपरा बहुत पुरानी है और ग्रामीणों के सहयोग से मेला शांतिपुर ढंग से संपन्न होता है।