मेजा, प्रयागराज (श्रीकान्त यादव)। समाजवादी पार्टी के संरक्षक स्व. मुलायम सिंह यादव के निधन पर ग्यारहवें दिन मेजा के सिरसा मे शुक्रवार को आयोजित श्रद्धांजलि सभा मे सपा के सभी नेता व कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सपा नेताओं व कार्यकर्ताओं ने नम आंखों से पुष्प अर्पित कर धरतुपुत्र को श्रद्धांजलि दी।
मेजा के सिरसा स्थित शिवगंगा वाटिका मे आयोजित श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष पप्पू यादव व संचालन अधिवक्ता शिवकैलाश यादव ने किया। श्रद्धांजलि सभा मे लोकप्रिय गायक "तिवारी बन्धु" सुजीत तिवारी व मंजीत तिवारी ने अपने सुंदर श्रद्धांजलि गीत से सबकी आंखें नम कर दी। तिवारी बन्धुओं ने "कहंवा छोड़िके गईले मुलायम पापा, रोई रोई पुंछई अखिलेश" "अचके मे छूटल परनवा, शोकवा मे डूब गईल देश" जिसने कभी न झुकना सीखा उसका नाम मुलायम है। जैसे श्रद्धांजलि गीत गाकर वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम कर दी।
स्व. मुलायम सिंह यादव के चित्र पर पुष्प अर्पित कर पूर्व राज्यसभा सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह ने कहा कि नेताजी जमीन से जुड़े समाज के अंतिम पायदान पर पहुंचकर गरीबों और दलितों को मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया। नेताजी गरीबों, युवाओं, हर वर्ग के कमजोर लोगों व अल्पसंख्यकों की आवाज थे। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं का हमेशा ध्यान रखते थे। मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री पद की सफर तय करने वाले नेताजी की जीवन सादा जीवन उच्च विचार को संदेश पार्टी कार्यकर्ताओं को देता रहेगा। पूर्व प्रदेश सचिव राजेश यादव व विधानसभा अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि नेताजी एक समाजसेवक के रूप में अपना पूरा जीवन समर्पित किया है। उनकी देश सेवा और योगदान के लिए सदियों पीढ़ियां उन्हें याद रखेंगी।
हर्षित पाण्डेय व नितेश तिवारी ने कहा कि नेताजी हर समाज के कमजोर लोगों, किसानों, दलितों व मजदूरों के नेता थे। रिश्तों को कायम रखने मे नेताजी का कोई मुकाबला नहीं था। पूर्व प्रमुख चाका राजकुमार यादव व नन्दा निषाद ने भी नेता जी से जुड़े अपने विचार व्यक्त किए। नेताजी के समय से पार्टी के लिए संघर्षरत रामरक्षा यादव ने भी नेताजी से जुड़े वृतांत सुनाए। इस मौके पर सपा के वरिष्ठ नेता ललन सिंह, जिला पंचायत सदस्य देशराज सिंह, योगेन्द्र प्रताप सिंह, दिलावर सिंह, भोला गौतम, बब्बू गौतम, पंचूराम निषाद, रामसागर यादव मुखिया, रामदेव कोल, शोभनाथ यादव, डॉ सत्येन्द्र सिंह यादव, रामबाबू सिंह यादव, काशी नरेश, प्रदीप पाण्डेय, विनोद यादव, बाबा यादव, सुरेश यादव, राजू सिंह, डॉ विजय बाबू यादव सहित कई नेता व सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।