मेजा, प्रयागराज (विमल पांडे)। सर्दियों के मौसम पर कोहरा कोई नहीं बात नहीं है, लेकिन इसमें अगर धुआं शामिल हो जाए तो यह स्मॉग बन जाता है जो सेहत के लिए हानिकारक होता है। वैसे तो कोहरा अस्थमा रोगियों की दिक्कत बढ़ता है, लेकिन प्रदूषण वाली इस धुंध के असर से कोई नहीं बच पाता है। स्मॉग का विपरीत असर सभी पर पड़ता है। यह स्वस्थ व्यक्ति को भी बीमार कर सकता है। कोहरे और प्रदूषण की वजह से रविवार की सुबह मेजा का एक्यूआई 238 के स्तर पर था, जो खतरनाक स्तर है।
मेजा में पिछले दो दिनों से सुबह के वक्त हल्का कोहरा छा जाता है। रविवार को सुबह हल्का कोहरा था लेकिन छह बजे के बाद से घना कोहरा छा गया। रविवार को सुबह में तो विजिबिलटी बहुत कम थी। ऐसे में वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। राष्ट्रीय राजमार्ग 76 पर वाहनों की रफ्तार थम गई। वाहन चालकों को लाइट जलाकर वाहन चलाने पड़े। कोहरे में जब धुआं मिल जाता है तो इसे स्मॉग कहा जाता है। स्मॉग में भारी मात्रा में प्रदूषण के महीन कण शामिल होते हैं। स्मॉग फेफड़े, किडनी तक को नुकसान पहुंचाता है। यह मधुमेह, एनीमिया के रोगियों के लिए बेहद घातक है। स्मॉग में नाइट्रोजन ऑक्साइड,-कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाईऑक्साइड शामिल होता है।
कोहरे में जरा सी लापरवाही कई बीमारियों में आपकी मुश्किल बढ़ा सकती है। कोहरे और ठंड का ट्रिपल वार होता है, जिससे सावधानी बरतते हुए बचना जरूरी है।
सांस व फेफड़े के रोगियों के लिए कोहरा सबसे अधिक नुकसानदेह है। कोहरे के साथ धूल के कण सांस की नली में जाकर सांस लेने में समस्या पैदा करते हैं। इसके साथ ही कोहरे और ठंड में ही क्रॉनिक ब्रॉंकाइटिस अधिक परेशान करता है। फेफड़ों में निमोनिया, एलर्जी, नजला-जुकाम, सांस की दिक्कत यह सब कोहरे और ठंड के साथ बढ़ते हैं। इसलिए इनको लेकर ठंड व कोहरे से बचना जरूरी है। यदि सुबह-शाम टहलने जाते हैं तो सुबह सूर्योदय के बाद टहलने के लिए निकलें और शाम को भी सूर्य अस्त से पहले टहलकर वापस आ जाएं क्योंकि ठंडी हवा सांस के साथ जाना बहुत नुकसानदेह है।
ठंड व कोहरा से हृदय रोगियों व रक्तचाप रोगियों के लिए भी विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि इसमें रक्तवाहिनी नलियां सिकुड़ने से रक्तचाप बढ़ जाता है। इसलिए दवाओं में भी बदलाव करना पड़ता है।
गठिया, जोड़ों के दर्द के रोगियों को भी कोहरे व ठंड से बचना चाहिए। क्योंकि दर्द की समस्या ठंड व कोहरे से बढ़ जाती है। इसके साथ ही कोहरे से फ्रॉस्ट बाइट होने की आशंका बढ़ जाती है, जिसमें हाथ-पैर की अंगुलियां नीली पड़कर सूज जाती हैं। ऐसे में दोपहिया वाहन पर बिना दस्ताने और जूते-मोजे के न निकलें।