प्रयागराज (राजेश सिंह)। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन तट पर एक बार फिर दुनिया के सबसे बड़ा मेला कहे जाने वाले महाकुंभ का आयोजन होगा। इस बार महाकुंभ वर्ष 2025 में आयोजित होगा। संगम की रेती पर एक माह तक आध्यात्मिक समागम होगा। महाकुंभ तैयारी की रूपरेखा अभी से तैयार होने लगी है। महाकुंभ को भव्य बनाने के लिए यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार संकल्पित है।
प्रयागराज में प्रत्येक वर्ष संगम की रेती पर माघ मेला एक माह तक आयोजित होता है। हर छह वर्ष में अर्धकुंभ और प्रत्येक 12 वर्ष में कुंभमेले का आयोजन किया जाता है। इसमें देश भर से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु गंगा, यमुना के संगम में पुण्य की डुबकी लगाने पहुंचते हैं। वहीं विश्व के तमाम देशों के पर्यटक भी यहां आते हैं।
महाकुंभ की तैयारी
- 6800 करोड़ रुपये कुंभ मेला बसाने में खर्च होंगे।
- 2019 में 4200 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।
- इस बार 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, 2019 में 24 करोड़ श्रद्धालु आए थे।
- महाकुभ का क्षेत्रफल 10 से 15 प्रतिशत बढ़ाया जाएगा।
- पिछली बार की अपेक्षा 3700 हेक्टेयर भूमि पर महाकुंभ बसाने की तैयारी है।
में 24 करोड़ श्रद्धालु आए थे।
- महाकुभ का क्षेत्रफल 10 से 15 प्रतिशत बढ़ाया जाएगा।
- पिछली बार की अपेक्षा 3700 हेक्टेयर भूमि पर महाकुंभ बसाने की तैयारी है।
- पिछली बार 3300 हेक्टेयर में महाकुंभ बसाया गया था।
- इस बार 25 पांटून पुल बनेंगे, जिनकी संख्या पिछली बार 22 थी।
- इस बार 20 की जगह 23 सेक्टर बनाए जाएंगे।
- इस बार 20 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे, जो पिछली बार 15 हजार थे।
- 4000 के बजाय इस बार 10,000 वालंटियर होंगे।
- 22 हजार सफाईकर्मियों की होगी तैनाती
महाकुंभ में 22 हजार स्वच्छाग्रही (सफाईकर्मी) सफाई के लिए तैनात होंगे। पिछली बार इनकी संख्या 16 हजार थी। इसके अलावा, 500 शटल बसों का संचालन। पिछले कुंभ में 300 शटल बसें लगी थीं। महाकुंभ में 20 प्रमुख प्रवेश द्वार होंगे और 54 बड़े पार्किंग स्थल बनाए जाने की तैयारी चल रही है।
महाकुंभ 2025 महादिव्य व महाभव्य के साथ अविस्मरणीय भी होगा। इस महाकुंभ में भारत का वैभव और गौरव पूरी दुनिया देखेगी। विश्व का यह सबसे बड़ा धार्मिक जनसमागम नए भारत के नए उत्तर प्रदेश का प्रतीक उत्सव होगा। गुरुवार शाम महाकुंभ की तैयारियों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की शीर्ष बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयोजन को लेकर विस्तार से चर्चा की।
उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्य और भव्य कुंभ 2019 के आयोजन ने उत्तर प्रदेश को वैश्विक पटल पर एक विशिष्ट पहचान दी है। यूनेस्को ने इसे विश्व की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर घोषित किया। आगामी महाकुंभ से दुनिया भर की अपेक्षाएं जुड़ी हैं, इसलिए महाकुंभ प्रदेश की 24 करोड़ जनता के लिए पूरे संसार के समक्ष उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक क्षमता, सांस्कृतिक समृद्धि एवं पर्यटन की सुविधाओं को प्रदर्शित करते हुए इस आयोजन को नए भारत के नए उत्तर प्रदेश के प्रतीक चिन्ह के रूप प्रस्तुत करने का एक अवसर है। इस अवसर को पहचानते हुए अगले दो वर्षों में टीम वर्क, अनुकरणीय प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के तहत परियोजनाओं के क्रियान्वयन की उत्कृष्ट क्षमता का परिचय देते हुए सभी विभाग काम में जुट जाएं।
महाकुंभ मेले की निविदाओं में कार्यों की गुणवत्ता एवं समयबद्धता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि मंडलायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जाए और प्रत्येक सप्ताह परियोजनाओं की मानीटरिंग की जाए। सभी परियोजनाओं को आनलाइन व्यवस्था से जोड़ा जाए। उन्होंने सभी दीर्घकालीन प्रोजेक्ट के लिए शीघ्र ही मंजूरी लेकर उनका कार्य शुरू कराने के निर्देश दिए। कहा कि इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए, जिससे समय पर काम पूरा कराया जा सके।