परिजनों का कहना है कि पुलिस ने नहीं की सुनवाई,12 घंटे बाद दर्ज की अपहरण की रिपोर्ट
प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज के यमुनानगर इलाके के कौंधियारा से 22 दिसंबर को दिनदहाड़े एक युवक का अपहरण किया गया। अपहरणकर्ताओं ने एक लाख की फिरौती मांगी। घरवाले पैसे देने के लिए तैयार भी हुए, लेकिन उन्होंने युवक की हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को घर से 20 किमी. दूर फेंका।
23 दिसंबर को गुमशुदगी की रिपोर्ट के तहत पुलिस ने परिजनों को जानकारी दी। मामले में पुलिस ने एक नामजद व 6 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया है। शुक्रवार को शव का पोस्टमार्टम होने के बाद घर पहुंचा तो परिजन आक्रोशित हो गए। परिजनों ने अभी तक शव का दाह संस्कार नहीं कराया है। आज सुबह से ही शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है। परिजन उच्चाधिकारियों को बुलाने की मांग पर अड़े हैं।
परिजनों का कहना है कि इस मामले में पुलिस की भी लापरवाही है। अपहरण के बाद पुलिस को सूचना दी थी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। घटना के 12 घंटे तक पुलिस खामोश रही। जब लाश मिली, तब जाकर पुलिस सक्रिय हुई। तब जाकर रात एक बजे के करीब अपहरण की रिपोर्ट दर्ज हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि गुलाब चंद्र के शरीर पर दो दर्जन से ज्यादा गंभीर चोट के निशान थे। घाव था। गले पर चोट के निशान मिले। पीट पीटकर व गला घोंटने की बात भी कही जा रही है।
शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के दशहरा उपरहार गांव निवासी गुलाब चंद्र (40) मजदूरी करता था। परिवार में पत्नी संगीता देवी, बेटी गुंजा और 2 बेटों गुलशन एवं विवेक हैं। गुलाब चंद्र 22 दिसंबर को भतीजे संतोष कुमार के साथ अपने साढ़ू अर्जुन कुमार के पास कौंधिराया गए थे। संतोष ने बताया "साढ़ू अर्जुन कुमार के घर के बाहर बैठे थे। तभी सात लोग सफेद गाड़ी से आए। उसमें से चार लोग बाहर निकले। चाचा को गाड़ी में बैठा लिया। वे लोग हथियारों से लैस थे, इसलिए हम लोग कुछ नहीं कर पाए। बाद में उन लोगों ने फोन कर एक लाख रुपये की फिरौती मांगी। हम लोगों ने एक लाख रुपये का जुगाड़ कर लिया।"
उसने बताया, "रात में आरोपियों को फोन किया तो फोन स्विच ऑफ बता रहा था। पैसे पास में ही थे। उसी दिन रात करीब 11 बजे खीरी थाना पुलिस से फोन आया कि एक युवक का शव मिला है। थाने जाकर शिनाख्त की। तब पता चला कि अपहरणकर्तांओं ने चाचा की हत्या कर दी। उनके शरीर पर चोट के निशान थे।"
संतोष ने गांव के भोला पर आरोप लगाया है। कहा कि 21 दिसंबर की शाम को गुलाब के बेटे गुलशन से पास के भोला प्रसाद के बेटों का विवाद हो गया था। गुलशन रास्ते से जा रहा था। इस दौरान दूसरे पक्ष ने उसे गाली दे दी। गुलशन ने गाली का विरोध किया तो उस पर पत्थर से हमला कर दिया। फिर दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए। इसमें भोला व उसका बेटा घायल हो गए थे।
संतोष ने कहा कि अपहरणकर्ताओं में एक का नाम ननकऊ है, जो कि भोला का भतीजा है। भोला ने ही चाचा की हत्या करवाई है। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। इसी वजह से आज चक्का जाम किया है, अगर पुलिस समय से कार्रवाई करती तो शायद गुलाब चंद्र की जान नहीं जाती।पुलिस उपायुक्त यमुनानगर सौरभ दीक्षित का कहना है कि परिजनों को समझाया जा रहा है। फिलहाल अपहरण का केस सात लोगों पर दर्ज है। हत्या की जांच के लिए टीमों का गठन किया गया है।