प्रयागराज (राजेश सिंह)। इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान शाइन सिटी को लेकर कई बड़े खुलासे हुए। प्रदेश में 68 हजार करोड़ रुपए के शाइन सिटी घोटाले में सुनवाई के दौरान याचियों ने कोर्ट को कई अहम जानकारियां दीं।
याचियों ने बताया कि इस घोटाले में चौकी इंचार्ज से लेकर पुलिस के कई बड़े अफसरों तक हिस्सा पहुंचाया जाता था। याचिका पर चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जेजे मुनीर की खंडपीठ सुनवाई कर रही है।
घोटाले में कई पुलिस अफसर शामिल
सुनवाई के दौरान याचियों ने कोर्ट को बताया कि शाइन सिटी घोटाले में चौकी इंचार्ज, इंस्पेक्टर से लेकर पुलिस विभाग के कई बड़े अधिकारियों तक की मिलीभगत है।
इसमें कई बड़े अफसरों ने निवेश कर रखा है। समय-समय पर उन्हें उनका हिस्सा भी पहुंचता रहा है। कई पुलिसकर्मियों ने अलग-अलग शहरों में कंपनी के सीईओ राशिद नसीम के माध्यम से प्लाॅट भी ले रखा है।
कोर्ट ने नहीं ली जांच रिपोर्ट
हाईकोर्ट ने ईडी, एसएफआइओ, और ईडब्ल्यूओ से जांच की प्रगति पूछी। जांच एजेंसियों ने जब सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट प्रस्तुत की तो कोर्ट ने उसे लेने से मना कर दिया। कोर्ट ने जांच के दौरान फ्लैट, गाड़ियां व अन्य सीज की गईं चीजों का विवरण हलफनामें में दाखिल करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए और असंतुष्टि जताते हुए मामले में अगली सुनवाई पर सीबीआई के अधिवक्ता को भी पेश होने का आदेश दिया।
"राशिद नसीम का प्रत्यर्पण कैसे होगा?"
हाईकोर्ट ने जांच एजेंसियों से पूछा कि राशिद नसीम का प्रत्यर्पण कैसे होगा। इस पर बताया गया कि रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने सहित कई अन्य उपाय किए गए हैं।
इसके बाद कोर्ट ने सोशल मीडिया साइट्स यूट्यूब पर राशिद नसीम की ओर से दिए जा रहे वक्तव्यों के प्रसार पर रोक न लगा पाने पर नाराजगी जाहिर की। कहा जांच एजेंसियों में आपसी तालमेल की कमी है। दोनों लोग मिलकर काम करें।