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लखनऊ: होटल की पांचवीं मंजिल पर सिलेंडर विस्फोट

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अवैध सप्लाई करने का आरोप, रिफिलिंग के दौरान नोजल में विस्फोट के बाद लगी आग, 10 घायल

लखनऊ (राजेश शुक्ला/दिवाकर सिंह)। धमाके से होटल के कमरों में मौजूद स्टाफ में भगदड़ मच गई। किचन में लगा कांच पांचवीं मंजिल से सड़क पर आ गिरा। बिल्डिंग के पिछले हिस्से में लगे सभी कांच व टाइल्स भी टूट गईं। सड़क पर खड़ी पांच गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। 

लखनऊ में एलपीजी सिलेंडर से अवैध तरीके से पांचवें माले पर की गई सप्लाई से बाराबिरवा इलाके में स्थित इंपीरियो ग्रांड होटल के किचन में शुक्रवार शाम तेज धमाका हो गया। नोजल में हुआ धमाका इतना जबरदस्त था कि 10 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। बिल्डिंग का कांच सड़क पर गिरने से चार गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को लोकबंधु अस्पताल पहुंचाया। धमाके के बाद होटल में आग लग गई। गनीमत रही कि आग विकराल रूप नहीं ले सकी। दमकल के पहुंचने से पहले आग बुझा ली गई थी।

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प्रभारी निरीक्षक कृष्णानगर विक्रम सिंह के मुताबिक होटल में शुक्रवार शाम करीब साढ़े चार बजे किचन में गैस का नोजल फट गया। इससे किसी का सिर फट गया तो किसी का चेहरा झुलस गया। हादसे में नीतू, शिवांगी, पवन, हिमांशु, रौनक, ओम प्रकाश, राजकमल, शुभम, रोहन व इस्लामुद्दीन घायल हुए हैं। सभी को लोकबंधु अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। पुलिस ने बताया कि होटल मालिक हमीरपुर निवासी शिवम गुप्ता हैं, उनसे संपर्क किया गया है। उनके पिता उच्चाधिकारी हैं। उनकी गैर मौजूदगी में होटल मैनेजर अभिषेक सिंह कामकाज देखते हैं।

धमाके से होटल के कमरों में मौजूद स्टाफ में भगदड़ मच गई। किचन में लगा कांच पांचवीं मंजिल से सड़क पर आ गिरा। बिल्डिंग के पिछले हिस्से में लगे सभी कांच व टाइल्स भी टूट गईं। सड़क पर खड़ी पांच गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। पुलिस के मुताबिक होटल में कुल 20 कमरे हैं, उनमें से तीन ही बुक थे। हालांकि हादसे के वक्त होटल के किसी कमरे में लोग मौजूद नहीं थे। जो घायल हुए हैं, उनमें गैस पाइपलाइन सही करने वाले व अन्य कर्मचारी हैं। होटल में धमाके से हाई वोल्टेज लाइन का तार टूट कर जमीन पर गिर गया, जिसकी जानकारी होने पर विद्युत विभाग ने सप्लाई बंद करवाई।

होटल में आग से बचाव के उपकरण सिर्फ शोपीस हैं, क्योंकि पाइप में पानी की सप्लाई का कोई कनेक्शन ही नहीं था। हालांकि वहां मौजूद अग्निशमन उपकरण की मदद से आग पर समय रहते काबू पा लिया गया। होटल में ऊपरी तल तक जाने के लिए मेन गेट से होते हुए जाना पड़ता है। उसकी एक एंट्री और थी, उसको होटल प्रशासन की तरफ से बंद रखा गया था। ऐसे में हादसा अगर बड़ा होता तो स्थिति भयावह हो सकती थी। वहीं फायर एग्जिट वाले रास्ते पर बालकनी बना रखी है। ऐसी स्थिति में आदमी सिर्फ फांद सकता है।

सीएफओ मंगेश कुमार ने बताया कि होटल की लिस्ट चेक की जाएगी कि जिन होटलों को नोटिस दिए गए थे, उनमें यह होटल शामिल है या नहीं। अगर नहीं है तो होटल को नोटिस दिया जाएगा। इसकी जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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