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प्रयागराज: पीएसी व पुलिस लगाकर बढ़ाई गई उमेश पाल के घर की सुरक्षा, एयरपोर्ट पर निगरानी

SV News
उमेश पाल हत्याकांड की सीसीटीवी कैमरे की फोटो 

प्रयागराज (राजेश सिंह)। बसपा विधायक पाल मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके गनर संदीप की सनसनीखेज अंदाज में हुई हत्या के तीसरे दिन पीड़ित परिवार की सुरक्षा में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात कर दिए गए हैं। घर के भीतर से बाहरी छोर तक फोर्स को अलर्ट मोड पर रखा गया है। इसके साथ ही एयरपोर्ट पर निगरानी बढ़ा दी गई है।
आशंका जताई जा रही है कि शूटर फ्लाइट से बाहर भाग सकते हैं, जिसे देखते हुए एयरपोर्ट और उसके आसपास चेकिंग की जा रही है। रविवार सुबह उमेश पाल के घर शहर पश्चिमी विधायक सिद्धार्थ नाथ पहुंचे और पीड़ित परिवार को सांत्वना देते हुए ढांढस बंधाया। कहा की सरकार अभियुक्तो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। उधर, शूटरों की तलाश में एसटीएफ सहित कई टीम छापेमारी कर रही हैं।
शार्प शूटरों ने उमेश पाल को गोलियों से छलनी कर दिया था। पिस्टल और रायफल से उन पर गोलियां बरसाई गईं, जिसमें उन्हें सात गोली लगी। छह गोली शरीर को भेदते हुए आरपास हो गई, जबकि एक गोली फंस गई थी। दोनों सरकारी गनर को भी दो-दो गोली मारी गई। शनिवार को शवों का पोस्टमार्टम हुआ तो उमेश की हालत देख डाक्टर भी हतप्रभ रहे गए।
माना जा रहा है कि शूटर अपने टारगेट उमेश को किसी भी हाल में जिंदा नहीं छोड़ना चाहते थे और इसीलिए उन पर एक-एक कर कई गोली दागी गईं। गनर संदीप निषाद को दो गोलियां लगीं। इसमें पेट में लगी गोली घातक हो गई। हालांकि डाक्टरों के पैनल ने मौत का कारण हैमरेजिंग शॉक माना। 
विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की गनर समेत सनसनीखेज तरीके से हत्या की साजिश के तार अहमदाबाद और बरेली जेल से जुड़ रहे हैं। साबरमती जेल से माफिया अतीक अहमद और बरेली जिला कारागार से उसका भाई पूर्व विधायक अशरफ अपने करीबियों और गुर्गों से मोबाइल के जरिए लगातार बात करते रहते हैं। वे ज्यादातर वाट्सएप काल पर बात करते हैं, जिसे क्राइम ब्रांच की सर्विलांस सेल और दूसरी सुरक्षा एजेंसियां इंटरसेप्ट नहीं कर पाती हैं।
इसके अलावा प्रयागराज से पारिवारिक लोग और करीबी अक्सर जेल में मिलने भी जाते हैं। ऐसे में पुलिस इस एंगल पर तहकीकात कर रही है कि जेल से पूरा खेल हुआ है। एसटीएफ बरेली और साबरमती जेल जाकर अतीक और उसके भाई अशरफ की शूटआऊट में भूमिका के बारे में छानबीन कर रही है। पुलिस की तमाम सख्ती के बावजूद गुजरात की जेल में अतीक और यूपी की बरेली जेल में अशरफ अपने करीबियों से मिलते-जुलते और फोन पर बात करते रहते हैं।

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