प्रयागराज (राजेश सिंह)। सुप्रीम कोर्ट ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार आनंद गिरि की जमानत याचिका खारिज कर दी। जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एहसान अमानुल्ला की पीठ ने इलाहबाद हाईकोर्ट का आदेश बरकरार रखते हुए कहा कि फिलहाल इस स्तर पर उस आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है।
पीठ ने कहा, हमने याचिकाकर्ता के वरिष्ठ वकील और प्रतिवादी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल की दलीलें सुनीं और याचिका के दस्तावेज और आदेश का अवलोकन किया। हमें इस पर स्तर पर उस आदेश में हस्तक्षेप का कोई कारण नहीं दिखता।
हालांकि शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया, यदि परिस्थितियों में बदलाव होता है और वाजिब समय तक निचली अदालत के समक्ष मामले में कोई प्रगति नहीं होती है तो याचिकाकर्ता के पास निचली अदालत के समक्ष फिर से जमानत याचिका दायर करने का अधिकार होगा।
आनंद ने हाईकोर्ट के पिछले साल सितंबर के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने यह कहते हुए जमानत देने से इन्कार कर दिया था कि याचिकाकर्ता के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। इससे पहले निचली अदालत ने भी आनंद गिरि की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। 20 सितंबर, 2021 को प्रयागराज के बाघंबरी गद्दी मठ में महंत नरेंद्र गिरि का शव पंखे से लटका मिला था। मौके से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ था, जिसमें उन्होंने आनंद गिरि सहित कुछ अन्य पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था।