प्रयागराज (राजेश सिंह)। फतेहपुर के चर्च में मतांतरण के आरोपित नैनी स्थित सैम हिग्गिन बाटम यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर टेक्नालाजी एंड साइंसेज (शुआट्स) के कुलपति आरबी लाल, निदेशक विनोद बी.लाल, विशप पाल सिंघामनी व स्थानीय ब्राड वेल मिशन अस्पताल के चेयरमैन डा. मैथ्यु सैमुअल तथा परविंदर सिंह की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने दो सप्ताह के लिए रोक लगा दी है।
साथ ही मामले में उप्र सरकार से अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी नरसिम्हा तथा न्यायमूर्ति जेबी पार्डीवाला ने यह आदेश दिया है।
फतेहपुर के चर्च में 14 अप्रैल 2022 को प्रार्थना सभा के दौरान हुए मतांतरण को लेकर विहिप नेता हिमांशु दीक्षित ने कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें पादरी विजय मसीह समेत नौ आरोपित जेल में बंद हैं जबकि 26 आरोपित कोर्ट से अग्रिम जमानत पर हैं। शिक्षक आशीष ईमैनुअल, वर्ल्ड विजन संस्था प्रबंधक डेनियल उर्फ एसडीएम राव फरार हैं। विशेष जांच दल (एसआइटी) ने पांच हजार पेज की चार्जशीट भी कोर्ट में दाखिल कर दी है।
मुकदमे में शुआट्स के कुलपति इत्यादि की भी संलिप्तता का भी आरोप है। फतेहपुर में जिला जज कोर्ट व हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत निरस्त हो जाने पर कुलपति की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जरिए अधिवक्ता विशेष अनुमति याचिका दायर की गई है। प्रकरण में सुनवाई 17 अप्रैल को होगी।