प्रयागराज (राजेश शुक्ला)। लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य तीनों हमलावरों ने भरी पुलिस कस्टडी के बीच में गोली मारकर की अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या कर अपने आप को सरेंडर कर दिया।
अतीक अहमद और अशरफ की हत्या जमीन हड़पने के लिए हत्या करता था और विरोध में गवाही देने वालों को भी नहीं छोड़ता था। ‘माफिया अतीक का पाकिस्तान से संबंध था। उसने और उसके गैंग में शामिल सदस्यों ने तमाम निर्दोष लोगों का कत्ल किया था। उसका भाई अशरफ भी ऐसा करता था, इसलिए हमने दोनों को मार डाला।’
काल्विन अस्पताल में दोनों भाईयों की हत्या करने के आरोपितों ने पुलिस के सामने ऐसा ही बयान दिया है। तीनों अलग-अलग मामलों में पहले जेल जा चुके हैं। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि आरोपित कब और कैसे प्रयागराज आए थे। उनका स्थानीय मददगार कौन-कौन हैं। बताया गया है कि लवलेश तिवारी बांदा, सनी पुराने हमीरपुर और अरुण मौर्या कासगंज का रहने वाला है।पुलिस घटनास्थल और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाल रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि कैमरा और आइडी लेकर आरोपित कब और कैसे अस्पताल में दाखिल हुए थे। मौके पर एक बाइक भी गिरी पड़ी थी, जिसे आरोपितों की बताई जा रही है। अभियुक्तों से शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि तीनों अलग-अलग मामले में जेल जा चुके हैं। अधिकारियों ने जब उनसे सवाल किए तो पहले अलग-अलग बयान दिए मगर कड़ाई से पूछताछ में हत्या की कहानी बयां कर दी। कहा कि माफिया अतीक का न केवल पाकिस्तान और उसकी खूफिया एजेंसी आइएसआइ से संबंध था। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से भी कनेक्शन सामने आया था। अतीक गैंग के लोग लगातार लोगों को परेशान कर रहे और हत्या भी करते थे। इसकी वजह से लोग खौफजदा थे।