पूर्व में बार और बेंच की समन्वय बैठक में भी उठा था भ्रष्टाचार का मुद्दा
मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
शुक्रवार को मेजा तहसील में तहसीलदार कोर्ट चल रही थी।सूत्रों के मुताबिक इसी बीच कुछ जूनियर वकील तहसीलदार न्यायालय में पहुंचे और अविवादित फाइल की दखिलखारिच के लिए पेशकश की।बताया जाता है कि तहसीलदार के पेशकार ने पैसे की मांग की।बस इसी बात से नाराज जूनियर वकीलों से बहस हो गई और तहसीलदार कोर्ट छोड़कर एसडीएम चेंबर में चले गए।उधर अन्य अधिवक्ताओं को जब मामले की जानकारी हुई तो तो तहसीलदार विशाल शर्मा के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए एसडीएम कोर्ट में घुस कर मामले से अवगत कराया और जमकर नारेबाजी की।मुद्दा गरम देख एसडीएम अनुभव कन्नौजिया कोर्ट बंद कर तहसीलदार के साथ अपने आवास पर चले गए।कोर्ट स्थगित होने से दूरदराज से आए वादकारियों को परेशानी झेलनी पड़ी। मामले में बार के मंत्री चंद्रमणि शुक्ल ने बताया कि तहसीलदार द्वारा कोई भी फाइल बिना सुविधा शुल्क लिए दाखिल खारीच नहीं किया जाता।उन्होंने यहां तक कहा कि तहसीलदार की गाड़ी चेक किया जाय तो 100 से अधिक फाइलें मिलेंगी।कुछ वकीलों ने कहा कि जब झड़प हो रही थी उसी बीच उनका अर्दली फाइल निकालकर कोर्ट में रख दिया।मामला शांत देख तहसीलदार तहसील से बाहर निकल गए।इस संबंध में जब उपजिलाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वकीलों और तहसीलदार के बीच किसी मामले की असहमति को लेकर विवाद हो गया था।हम वकीलों के साथ समन्वय बैठक कर विवाद को सुलझा लेंगे।