वाराणसी (राजेश सिंह)। बच्चों को अगवा कर बेचने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के पांच और सदस्यों को वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस ने शुक्रवार को झारखंड के कोडरमा जिले से गिरफ्तार कर लिया। इनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। गिरफ्तार अनुराधा देवी एक अस्तपाल में नर्स थी। वही अगवा बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र व आधार कार्ड बनवाती थी। पांचों आरोपियों के पास से प्रयागराज के दारागंज क्षेत्र से अगवा तीन वर्ष का बच्चा और मिर्जापुर के विंध्याचल क्षेत्र से अगवा चार साल की बच्ची बरामद की गई है। कार सवार बदमाशों ने गत 14 मई की रात रवींद्रपुरी स्थित रामचंद्र शुक्ल चौराहा से माता-पिता के पास सो रहे चार साल के बच्चे को अगवा कर लिया लिया था।
पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके तफ्तीश शुरू की तो पता लगा कि झारखंड, बिहार और राजस्थान का गिरोह झुग्गी-झोपड़ी और सड़क किनारे रहने वाले गरीब परिवारों के बच्चों को अगवा कर नि:संतान दंपतियों को बेचता है। बच्चा चुराने के काम में अहम भूमिका वाराणसी के शिवदासपुर क्षेत्र की शिखा देवी व उसके पति संजय मोदनवाल, संतोष कुमार गुप्ता व उसके बेटे शिवम गुप्ता और विनय मिश्रा की रहती है।
गिरफ्तार किए गए बच्चा चोर
झारखंड के कोडरमा जिले के चंदवारा थाना के महुंगाई का जगवीर बरनवाल, तिलैया डैम थाना के गांधी स्कूल रोड की गुड़िया देवी व मझगांव का संतोष साव, जयनगर थाना के पोंगडंडा की संगीता देवी और हजारीबाग जिले के कटमकम सांडी थाना के लुपुंग की रहने वाली अनुराधा देवी गिरफ्तार किए गए।
गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम
वाराणसी से सर्विलांस प्रभारी इंस्पेक्टर अंजनी कुमार पांडेय के नेतृत्व में दुर्गाकुंड चौकी इंचार्ज आनंद चौरसिया, फुलवरिया चौकी इंचार्ज सौरभ पांडेय, तेलियाबाग चौकी इंचार्ज श्रीराम उपाध्याय व दरोगा वैभव शुक्ला, प्रयागराज से दरोगा पवन कुमार सिंह, विकास यादव व दिनेश सिंह और मिर्जापुर से दरोगा माधव सिंह व दयाशंकर ओझा।