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परमहंस स्मृति महोत्सव व ग्राम जयंती उत्सव के आखिरी दिन ग्रामीणों ने लिया क‌ई संकल्प

 


मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)

क्षेत्र के भ‌इयां गांव के श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर ट्रस्ट द्वारा सप्तदिवसीय कार्यक्रम का समापन समारोह भजन-कीर्तन व विशाल भण्डारे के साथ हुआ।आध्यात्मिक -भौतिक विकास हेतु प्रयासरत ग्रामीणों का उत्साह देखते हुए मंदिर के महन्त श्री ब्रह्मानंद जी महाराज ने कार्यक्रम में आए भागवताचार्य स्वामी चेतन दास महाराज जी की विदाई के अवसर पर कहा कि यदि समाज को आध्यात्मिक एवं भौतिक रूप से समृद्ध बनाना है तो ऐसे आध्यात्मिक रूप से समृद्ध विद्वानों को बार-बार बुलाकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार कराना पड़ेगा। बड़ी संख्या में उपस्थित ग्रामीणों ने समाज के प्रति कर्तव्य बोध प्रकट करते हुए कम से कम पांच ब्यक्तियों को सुन्दर साथ बनाने के लिए संकल्प लिया। इसी प्रकार दुर्गुण मुक्त ग्राम की संकल्पना को साकार करने के लिए क‌ई युवक भी प्रेरित होकर नशामुक्ति अभियान का हिस्सा बनने हेतु संकल्प ब्यक्त किया है। भागवत कथा समापन के बाद दूर-दूर से आये सुन्दर साथ जनों को मंदिर के महन्त श्री ब्रह्मानंद जी महराज जी द्वारा परमहंस स्मृति चिन्ह व मिष्ठान का प्रसाद भेंट करते हुए आशीर्वाद प्रदान किया गया 


रीवा दुग्गवा से पधारे श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर के महन्त श्री अखंडानंद जी महाराज ने ग्रामीणों को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि ग्राम जन्मोत्सव का मतलब तभी सफल होगा जब ग्राम पूरी तरह से  विकसित ग्राम की श्रेणी में प्रमाणित होगा। स्मृति ग्राम महोत्सव में सबसे आकर्षक बात यह रही कि ग्रामीणों द्वारा अपने पूर्वजों के नाम पर पारायण पाठ करने में श्रद्धा ब्यक्त किया गया। सत्रहवीं शताब्दी में भ‌इयां ग्राम में जन्म लेने वाली लड़की कमलेश्वरी देवी महिलाओं के बीच प्रेरक स्वरूप चर्चा में रहीं । परमहंस चरितामृत में उद्धृत कथानक का वर्णन करते हुए भागवताचार्य जी ने बताया कि कमलेश्वरी देवी जो कि परमहंस महाराज जी से गुरु दीक्षित थीं।अपने ससुराल तिउनी जनपद -रीवां मध्य प्रदेश में अपनी प्रतिभा से प्रभावित करते हुए क‌ई गांवों के श्रद्धालु बनाने हेतु प्रेरित किया था। इसलिए सामाज में आज पूजनीय हैं। समाज कल्याण हेतु समझ व सोंच बनाए रखना प्रत्येक महिला -पुरुष का धर्म है। इसी प्रकार से परमहंस महाराज जी के समकालीन ग्राम पूर्वजों जिनका उल्लेख परमहंस चरितामृत में उल्लखित उनके योगदान को भी याद किया गया। संस्मरणों में स्वर्गीय गहबरशाह,मनबोध मिश्र, एवं द्वारिका प्रसाद मिश्र जिनके द्वारा परमहंस महाराज जी के निर्देशन में तालाबों एवं कुओं का निर्माण कराया गया था उनके प्रति भी श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। 

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कार्यक्रम सम्पादन स्थल पर उपस्थित समस्त महानुभाव व सुन्दर साथ जन एवं महात्माओं का  श्रीकृष्ण प्रणामी मंदिर ट्रस्ट एवं जनसुनवाई फाउंडेशन की तरफ से स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया। परमहंस स्मृति दिवस एवं ग्राम जन्मोत्सव कार्यक्रम के समन्वयक नरेंद्र कुमार मिश्र, कमलेश प्रसाद मिश्र,कौशलेश कुमार, अवधेश कुमार, रविशंकर, गुलज़ारीलाल, राममुरारी, गोविन्द प्रसाद, रामेश्वर प्रसाद मिश्र आदि ने सबके प्रति आभार व्यक्त करते हुए विश्वास दिलाया कि आने वाले वर्ष में परमहंस स्मृति महोत्सव व ग्राम जयंती दिवस समारोह को भब्यतम स्वरूप में मनाया जायेगा।

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