कांवड़ियों का भी लगा तांता, हर हर महादेव व बोल-बम के जयकारों के बीच हो रहा जलाभिषेक व पूजा
प्रयागराज (राजेश सिंह)। देवाधिदेव महादेव के पूजन के पवित्र मास सावन के दूसरे सोमवार पर मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। मनकामेश्वर महादेव मंदिर, सोमेश्वर महादेव, कोटेश्वर महादेव, शिव कचहरी, पड़िला महादेव, हनुमत निकेतन शिव मंदिर सहित विभिन्न शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। भांग, धतूरा, दूध, घी, पंचगव्य, पंचामृत, बेलपत्र, पुष्प, दही, चंदन, इत्र आदि से महादेव का विधि विधान से पूजन कर गंगा जल से जलाभिषेक किया गया।
दारागंज स्थित दशाश्वमेध गंगा घाट पर कांवड़ियों का रेला लगा रहा। शिवभक्तों ने गंगा जल भरकर शिवालयों में जलाभिषेक किया। साथ ही बाबा विश्वनाथ धाम को जलाभिषेक के लिए भी कांवड़िए रवाना हुए। सावन के दूसरे सोमवार पर शुभ संयोगों का अनूठा संगम रहा। इस बार सोमवती अमावस्या के साथ पुनर्वसु नक्षत्र का मिलन भोले बाबा के भक्तों के लिए खास है। यानी, थोड़े से उपायों से भी भोलेनाथ प्रसन्न होंगे। इस बार सोमवती अमावस्या में शिवभक्त महादेव का जलाभिषेक कर कामनाओं की पूर्ति के लिए आराधना की।
इसके लिए शहर के प्रमुख शिव मंदिरों में जहां भव्य सजावट की गई है, वहीं सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम हैं। दशाश्वमेध घाट से जल भरकर बड़ी संख्या में कांवड़िये बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए शिव धामों के लिए रवाना हो रहे हैं। रविवार को दशाश्वमेध घाट कांवड़िया भक्तों का हुजूम उमड़ने की वजह से शिवमय हो गया। दूसरा सोमवार पुनर्वसु नक्षत्र और सोमवती अमावस्या के शुभ संयोग में लग रहा है। यह नक्षत्र भक्तों की हर मनोकामना को पूरी करने वाला है।
अरैल स्थित सोमेश्वर महादेव मंदिर में भी भक्तों की सुविधा के लिए बैरिकेडिंग कराई गई। यहां रविवार रात को ही शृंगार झांकी सजाई गई। यमुना तट स्थित मनकामेश्वर महादेव मंदिर में सोमवार की भोर चार बजे मंगला आरती के साथ ही आम भक्तों के लिए पट खोल दिए गए।
महंत श्रीधरानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि सोमवार को मनकामेश्वर महादेव का रंग-बिरंगे फूलों और हरी पत्तियों से मोहक शृंगार किया गया। इसमें रजत के मुखौटे के अलावा मोगरा, गुलाब, रजनीगंधा, बेला के फूलों से बाबा की झांकी सजाई गई। उधर, तक्षक तीर्थ और दारागंज स्थित नागवासुकि में भी जलाभिषेक और दर्शन-पूजन के लिए कतार लगी रही।
इन मंदिरों में भी भोर से ही भक्तों की भीड़ लग जाएगी। बालसन चौराहा स्थित भरद्वाजेश्वर महादेव मंदिर में भी जलाभिषेक की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। वहां भी सुबह छह बजे से जलाभिषेक आरंभ होगा। उधर, दूसरे सोमवार पर बाबा के जलाभिषेक के लिए भी कांवड़ियों का रेला उमड़ पड़ा है। दशाश्वमेध घाट से जल भरकर नंगे पांव भक्त दिनभर निकलते रहे। इससे झूंसी-शास्त्री पुल से लेकर प्रयागराज -वाराणसी राजमार्ग केसरियामय नजर आने लगा।