प्रयागराज (राजेश सिंह)। गंगा-यमुना ने एक बार फिर से विकराल रूप धारण करना शुरू कर दिया है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 48 घंटे में यमुना तीन मीटर बढ़ गई है। जिससे यमुना के तराई इलाके में पानी घुस गया है। वहीं, गंगा में भी लगातार तेजी बरकरार है। बीते 48 घंटे में गंगा भी डेढ मीटर बढ़ चुकी हैं।
रविवार की रात गंगा का पानी बड़े हनुमान जी मंदिर के बेहद नजदीक पार्क तक आ गया। गंगा इस वक्त हर घंटे साढ़े तीन सेमी बढ़ रही हैं। अगर यही गति बरकरार रही तो मंगलवार तक गंगा का जल मंदिर में प्रवेश कर जाएगा। वहीं, तटवर्ती इलाके में रहने वालों की धुकधुकी बढ़ गई है। कछारी इलाके में हालात और तेजी से खराब हो रहे हैं। फाफामऊ से रंगपूरा कछार में बोई गई सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई है।
गंगा किनारे बसें गांवों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। मवेशियों को कछारी इलाके में चराने ले जाने के लिए भी रोका गया है। फाफामऊ गांव, रंगपूरा, मोरहूं, गद्दोपुर, चंदापुर, सुमेरी का पूरा, मलाकहरहर, शिवपुर आदि गांवों के कछारी इलाके में धान, बाजरा, तिल सहित सब्जी की फसल डूब गई है। छोटा बघाड़ा, सलोरी, शिवकुटी व रसूलाबाद जैसे निचले इलाकों में लोगों ने अपना सामान प्रथम तल पर रखना और किराये पर मकान तलाशना शुरू कर दिया है। उधर, नई झूंसी, पुरानी झूंसी, मुंशी का पूरा, लपेटुआ, बदरा, सोनौटी, ढोलवजवा, इब्राहिमपुर, बहादुरपुर कछार, इसीपुर, मलावां, छतनाग, नींबी सहित तटीय गांवों के नजदीक पानी आ गया है।
रविवार को झूंसी-गारापुर मार्ग पर बदरा के निकट बनी पुलिया के नीचे नाले में बाढ़ का पानी पहुंच गया। वहीं, नैनी के मवैया, देवरथ आदि गांवों के पास गंगा व महेवा, बसवार आदि गांवों में यमुना का पानी चिंता बढ़ा रहा है। सिंचाई विभाग की ओर से बताया गया कि कानपुर बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने से गंगा के जल स्तर में तेजी आई है।