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इलाहाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला- 'प्रेम-प्रसंग के दौरान बना शारीरिक संबंध दुष्कर्म नहीं'

SV News

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में सुनाया अहम फैसला

लंबे समय तक चले प्रेम-प्रसंग के दौरान शारीरिक संबंध दुष्कर्म नहीं

कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ लोवर कोर्ट में चल रही कार्यवाही को किया रद

प्रयागराज (राजेश सिंह)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि लंबे समय तक चले प्रेम प्रसंग के दौरान बने शारीरिक संबंध को दुष्कर्म नहीं माना जा सकता। भले ही किसी कारणवश शादी से इनकार किया गया हो। कोर्ट ने प्रेमिका से दुष्कर्म करने के आरोपी प्रेमी के खिलाफ निचली अदालत में चल रही आपराधिक कार्यवाही काे रद कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता ने आरोपी जियाउल्ला की याचिका पर दिया है।
संत कबीरनगर के महिला थाना में एक युवती ने अपने प्रेमी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। कलमबंद बयान दर्ज कराते हुए पीड़िता ने बताया कि प्रेमी से पहली मुलाकात गोरखपुर में बहन की शादी के दौरान हुई थी।
वर्ष 2008 में शुरू हुई मुलाकात का क्रम आगे भी बना रहा। इससे दोनों के बीच प्रेम हो गया। परिजनों की सहमति से प्रेमी गोरखपुर अक्सर उससे मिलने आता था। इसी दौरान वर्ष 2013 में शारीरिक संबंध बनाना शुरू कर दिया।
प्रेमिका ने बताया कि उसके परिजनों ने प्रेमी को व्यापार के लिए सऊदी अरब भी भेजा, जहां से लाैटने के बाद उसने शादी का प्रस्ताव ठुकरा दिया।
वहीं, याची के वकील का कहना था कि शारीरिक संबंध बनाते समय पीड़िता बालिग थी। उसने अपनी मर्जी से शारीरिक संबंध बनाए। शादी से इनकार करने पर दुष्कर्म का झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया है। इस पर कोर्ट ने याची के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र रद कर दिया।

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