मेजा, प्रयागराज (विमल पाण्डेय)। शनिवार को अमावस्या (पितृ विसर्जन) के दिन पितरों को याद करके गंगा तटों पर पूरे विधि-विधान से उनकी विदाई की गई।
शनिवार को सुबह छह बजे से ही सिरसा, छतवा, पकरी, परानीपुर, रैपुरा व मदरा सहित अन्य गंगा घाटों पर मुंडन संस्कार के पश्चात पुरखों को याद पिंडदान किया गया। मान्यता है कि उक्त कर्म करने से पितरों को शांति मिलती है। इस दिन सभी पितर अपने परिजनों के घर के द्वार पर बैठे रहते हैं।
सर्व पितृ अमावस्या के मौके पर गंगा तटों पर भारी भीड़ उमड़ी। वंशजों ने विधि विधान के साथ तर्पण कर अपने पितरों को विदा किया। दाहिने हाथ में कुशा की पवित्री पहनकर जल, काले तिल, सफेद फूल और चवल से तर्पण किया। गंगा तट पर पितरों के लिए दक्षिण दिशा की ओर 14 दीप जलाया। उनसे हुई भूलचूक की माफी मांग कर अपने स्थान पर जाने की प्रार्थना की गई।
किसी भी प्रकार की कोई अनहोनी न हो इसके लिए सिरसा चौकी प्रभारी जगदीश सिंह अपनी टीम के साथ सिरसा गंगा घाट पर मुस्तैद रहे।