अब तक साढ़े तीन सौ धावकों ने कराया पंजीकरण
प्रयागराज (राजेश सिंह)। मदन मोहन मालवीय स्टेडियम स्थित खेल कार्यालय में 38वीं इंदिरा मैराथन में हिस्सा लेने के लिए शनिवार शाम तक साढ़े तीन सौ से अधिक धावक प्रयागराज पहुंच चुके हैं। इसमें कई सेना के धावक हैं जो रिकॉर्ड बनाने की तैयारी कर रहे हैं। पिछली बार पुरुष वर्ग में तीसरे स्थान पर रहने वाले सेना के धावक अनिल कुमार सिंह शुक्रवार की देर रात प्रयागराज पहुंच चुके हैं। वहीं, महिला वर्ग में तीसरे स्थान पर रहने वालीं ज्योति शंकर राव गवते भी हिस्सा ले सकती हैं।
इन दोनों ही धावकों पर इस बार मैराथन में विशेष निगाहें होंगी। अनिल कुमार सिंह प्रयागराज के ही रहने वाले हैं। पिछले वर्ष की मैराथन में उन्होंने पूरी दौड़ 2:23:28 घंटे में पूरी की थी और तीसरे स्थान पर रहे थे। इससे पहले वर्ष 2022 में उन्होंने 2:22:53 घंटे में दौड़ पूरी कर दूसरा स्थान हासिल किया था। 2018 की मैराथन में अनिल ने 2:25:39 घंटे में दौड़ पूरी कर दूसरा स्थान हासिल किया था।
इस बार पूर्व के चैंपियन शेर सिंह और दूसरे स्थान पर रहने वाले विक्रम बांगरिया के नहीं आने से अनिल के विजेता बनने की उम्मीद बढ़ गई है। अनिल ने बताया कि इस बार पहला स्थान पाकर शहर का पहला विजेता बनने का सपना पूरा करना है। शनिवार को खेल निदेशक आरपी सिंह ने स्टेडियम पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
महिला वर्ग में छह बार लगातार पहले स्थान पर रहने वालीं और पिछले साल की मैराथन में तीसरे स्थान पर रहीं महाराष्ट्र की ज्योति शंकर राव गवते इस बार अपना ताज वापस पाने के लिए दौड़ती नजर आएंगी। मैराथन के 37 संस्करण पूरे हो चुके हैं। इसमें सबसे ज्यादा छह बार विजेता बनने वाली ज्योति शंकर पहली धावक हैं।
पुरुष वर्ग में यह रिकॉर्ड भैरो सिंह लोने के नाम दर्ज है, जिन्होंने वर्ष 2000 से लेकर 2007 तक छह बार पहला स्थान और एक बार दूसरा स्थान प्राप्त किया है। वहीं, मैराथन में प्रतिभाग करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के धावक प्रदीप कुमार और दुर्गाशंकर शुक्रवार को प्रयागराज पहुंच चुके हैं। ये भी मैराथन के विजेता बनने के प्रबल दावेदारों में से एक हैं।
इंदिरा मैराथन में जीत की पहली हैट्रिक लगाने वालों मेंं सेना के अभय सिंह हैं, जिन्होंने 1993 से लेकर 1997 तक लगातार चार बार पहला स्थान झटका। वर्ष 2000 से 2005 तक लगातार पांच इंदिरा मैराथन जीतने का रिकॉर्ड भैरो सिंह लोने के नाम हैं। उन्होंने 2006 में छठवीं बार मैराथन अपने नाम की। 2010 से 2012 तक अरविंद कुमार ने जीत की हैट्रिक लगाई।
वहीं, महिला वर्ग में हाफ मैराथन में 1993 से 1995 तक नीलाम्मा एल ने जीत की पहली हैट्रिक लगाई। 2002 से 2004 तक एच संगनी देवी ने इंदिरा मैराथन में अपनी जीत की हैट्रिक पूरी की और 2006 में चौथी बार विजेता बनीं। 2013 से 2017 तक ज्योति शंकर गवते ने जीत की पहली डबल हैट्रिक लगाकर इतिहास रचा और इंदिरा मैराथन में डबल हैट्रिक लगाने वाली पहली धावक बनीं। इसके अलावा सुकन्या, रीना दास, शास्त्री देवी, सत्यभामा, चारूलता, अनीषा देवी जैसी खिलाड़ियों ने दो-दो बार मैराथन जीती।