महावीर महादेव सत्संग समिति द्वारा आयोजित श्रीराम कथा के दूसरे दिन की कथा
मेजा, प्रयागराज (राजेश शुक्ला)।महावीर महादेव सत्संग समिति द्वारा आयोजित श्रीराम कथा के दूसरे दिन पंडित कौशलेश मिश्रा ने यजमान भूपेंद्र कुमार शुक्ल उर्फ पिंकू शुक्ल को वेद मंत्रों से रामायण की पूजा कराई। इसके पश्चात प्रयागराज से पधारे कथा वाचक पंडित भोलानाथ पाण्डेय ने श्रीराम कथा वाचन का शुभारंभ करते हुए कहा कि तन को निर्मल बनाना सरल बात है..
परमात्मा को मानव शरीर के अंदर की निर्मलता वह पवित्रता होनी चाहिए।
महावीर विनवऊ हनुमाना का उच्चारण करते हुए मार्गशीर्ष मास के महत्व को बताया।
यदि आप अपने परिवार को सुखी देखना चाहते हैं तो मानस सरोवर में आना होगा। जब आप का पुण्य उदय होता है तभी सत्संग का लाभ मिलता है। कथा में चक्रवाती सम्राट मनु महाराज की कथा का श्रवणपान कराया। मनु महाराज रो रहे हैं कि परमात्मा का अनुसरण नहीं किया। कथा वाचक ने आगे कहा कि पचास वर्ष की अवस्था के बाद प्रभु का स्मरण करना चाहिए। मानव जीवन में नारी की महत्ता को समझाया। भगवान शिव ने पार्वती से कहा कि आज संसार का भगवान हूं तो आपके चलते।
गोस्वामी तुलसीदास ने कहा बड़े भाग्य मानुष तन पाया। राजा मनु और सतरूपा मंदाकिनी नदी में स्नान कर ऋषियों का दर्शन किया। अतः भगवान को पाना है तो सत्संग स्थल तक जाना होगा।
मनु सतरूपा ने भगवान से वरदान के रूप में प्रभु स्वरूप पुत्र की कामना की कथा का श्रवणपान कराते हुए रावण, कुम्भकरण और विभीषण के वरदान की कथा सुनाई।
कथा संचालन विजयानन्द उपाध्याय ने किया।
उक्त अवसर पर कलट्टर शुक्ल, बालकृष्ण शुक्ला, लक्ष्मी शंकर शुक्ल, पूर्व प्रधान केशव प्रसाद शुक्ल, मीथिलेश शुक्ल, कृष्ण कुमार शुक्ल उर्फ गुरू, द्वारिका प्रसाद शुक्ल, विंध्यवासिनी शुक्ल, श्याम नारायण शुक्ल, कृष्ण कुमार शुक्ल उर्फ नागेश्वर, राकेश शुक्ल, रविशंकर शुक्ल, संतोष शुक्ल, राजू शुक्ल, संजय शुक्ल, विनय कांत शुक्ल, विमल शुक्ल, यतीष शुक्ल, सोनू शुक्ल, नारायण दत्त शुक्ल, आशीष शुक्ल, अवधेश शुक्ल, मोचन शुक्ल, संदीप शुक्ल, प्रदीप शुक्ल, शोलू शुक्ल, मनीष शुक्ल, भगवान दास प्रजापति, मुन्नीलाल निषाद, लालबहादुर कुशवाहा, फूल चंद्र कुशवाहा, हजारी लाल, दीनानाथ माली सहित भारी संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।