प्रयागराज (राजेश सिंह)। स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय परिसर में बन रही चिल्ड्रेन हॉस्पिटल की इमारत का काम चार साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है। इस कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि इस देरी के पीछे कार्यदायी संस्था की हीलाहवाली को प्रमुख कारण माना जा रहा है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर अब इमारत के निर्माण कार्य की निगरानी खुद जिलाधिकारी की तरफ से गठित की गई टीम कर रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि महाकुंभ 2025 से पहले इस इमारत का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा यहां पर नवजात शिशुओं को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं भी क्रियान्वित हो जाएंगी।
जिलाधिकारी की तरफ से गठित की गई टीम में पीडब्ल्यूडी अभियंता, अग्निशमन अधिकारी, एमएलएन प्राचार्य शामिल हैं। 2020 में चिल्ड्रेन अस्पताल की नई इमारत का काम एसआरएन परिसर में शुरू किया गया था। वहीं इस कार्य को 2021 तक पूरा हो जाना था। लेकिन कार्यदायी संस्था की हीलाहवाली के कारण काम काफी लंबा खिंच गया। करीब चार साल बीतने के बाद भी काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है। मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने काम देरी पर नाराजगी जताते हुए कई बार पत्र के माध्यम से इसकी शिकायत किया।
बता दें कि शहर में स्थित सरोजनी नायडू चिल्ड्रन हॉस्पिटल मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से संबंध है। सरोजिनी नायडू चिल्ड्रेन हॉस्पिटल पर उसकी क्षमता से अधिक का दबाव रहता है। यहां प्रयागराज के अलावा प्रतापगढ़, कौशांबी और भदोही के मरीज भी आते हैं। इस कारण नवजात बच्चों के इलाज के दौरान कभी- कभी एक ही बेड पर चार-चार बच्चों को भर्ती करना पड़ता है।
इसके अलावा मेडिकल कॉलेज से चिल्ड्रेन हॉस्पिटल की दूरी काफी होने की वजह से अस्पताल प्रशासन भी कई बार मनमानी करता है, जिसके चलते परिजनों को अभिभावकों को तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर इस इमारत का निर्माण शुरू किया गया। तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के कार्यकाल में सुपर स्पेशलिटी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल की योजना पर काम किया गया। चिल्ड्रेन अस्पताल की इमारत का ढांचा पूरा तैयार हो गया है। इसके अलावा यहां पर जल्द ही ऑक्सीजन पाइप लाइन डालने का काम शुरू होने वाला है। वहीं बिल्डिंग में फिनीशिंग का काम किया जा रहा है। वहीं एनआईसीयू, सेंट्रलाइज एसी सहित कई अन्य काम जल्द ही शुरू हो जाएंगे।
क्या होंगी सुविधाएं
1- यह हॉस्पिटल 300 बेड का है।
2-अस्पताल की इमारत छह मंजिला है।
3-24 घंटे ओपीडी की व्यवस्था होगी।
4-हॉस्पिटल में 12 अत्याधुनिक पैथोलॉजी होगी।
5-माड्यूलर ऑपरेशन थिएटर होंगे।
6-ऑटोमेटिक वेंटिलेटर वार्डन ओपीडी
7-मॉड्यूलर किचन व लॉन्ड्री
8-मॉडर्न कैंटीन
9-सेंट्रलाइज एसी की व्यवस्था
10-एनआईसीयू की सुविधा
महाकुंभ के पहले चिल्ड्रेन अस्पताल की इमारत बनाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। खुद जिलाधिकारी की तरफ से गठित टीम इमारत के निर्माण कार्य की निगरानी कर रही है। - डॉ. एसपी सिंह, प्राचार्य, एमएलएन।