प्रयागराज (राजेश सिंह)। विधानसभा चुनाव के दौरान ही इलाहाबाद की सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने अपने बेेटे मयंक जोशी के लिए लखनऊ से टिकट मांगा था। तब उन्होंने यह भी कह दिया था कि अगर उनके बेटे को टिकट मिलता है तो वह सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लेंगी। मयंक के लिए उन्होंने खासा प्रयास भी किया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में भले ही भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार दूसरी बार बन गई हो लेकिन सिराथू में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की हार तब की सबसे बड़ी ब्रेकिंग न्यूज मानी गई थी। जिले की तीनों सीटों पर उम्मीद के मुताबिक कुर्मी वोटरों का साथ नहीं मिला था। यही वजह रही कि वहां अपना दल कमेरावादी की पल्लवी पटेल ने चुनाव जीत लिया।
उनकी इस जीत के बाद से ही माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी प्रयागराज मंडल की कुछ सीटों पर चौंकाने वाले निर्णय ले सकती है। ऐसा हुआ भी। मंडल की प्रतापगढ़, कौशाम्बी में जहां पार्टी ने अपने वर्तमान सांसदों पर भरोसा जताया तो वहीं फूलपुर और इलाहाबाद संसदीय सीट से दोनों महिला सांसदों का टिकट काट दिया।
विधानसभा चुनाव के दौरान ही इलाहाबाद की सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने अपने बेेटे मयंक जोशी के लिए लखनऊ से टिकट मांगा था। तब उन्होंने यह भी कह दिया था कि अगर उनके बेटे को टिकट मिलता है तो वह सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लेंगी। मयंक के लिए उन्होंने खासा प्रयास भी किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस दौरान मयंक आजमगढ़ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की चुनावी सभा में शामिल हो गए। इसके बाद ही भाजपा में इस बात की चर्चा होने लगी कि अब पार्टी डॉ. रीता बहुगुणा को शायद ही दोहराएं।
कुछ नेताओं का कहना है कि रीता की उम्र भी 75 वर्ष के आसपास है। हालांकि, रीता पिछले कुछ माह से अपने संसदीय सीट में खासी सक्रिय थीं, लेकिन टिकट पाने की रेस में वह बाहर हो गईं। वहीं, सांसद केशरी देवी पटेल का टिकट कटने पर कुर्मी समाज के कुछ नेता नाराज हैं। नाम न छापने की शर्त पर भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में केशरी देवी ने भाजपा प्रत्याशियों के लिए दिन रात प्रचार किया। अगर कोई प्रत्याशी चुनाव हारता है तो उसके लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है।