प्रयागराज (राजेश सिंह)। महाकुंभ की परियोजनाओं में गुणवत्ता और मानक को परखने आए पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर इन चीफ वीके श्रीवास्तव ने बृहस्पतिवार को पांटून निर्माण की साइट का हाल देखा। वहां पता चला कि महाकुंभ के क्षेत्रफल विस्तार की वजह से तीन पांटून पुलों का इस्टीमेट बढ़ गया है। इसके लिए टेंडर तो करा लिया गया है, लेकिन चुनाव आचार संहिता लगने की वजह से निविदा नहीं खोली जा सकती। इस वजह से काम बंद पड़ा है। इस पर प्रमुख अभियंता ने निर्वाचन आयोग से अनुमति लेकर पांटून निर्माण कराने का निर्देश दिया।
उन्होंने शास्त्री सेतु का निरीक्षण करने के बाद प्रांतीय खंड की सड़कों के निर्माण की समीक्षा भी की। संगम की रेती पर बसने वाले महाकुंभ में गंगा पर बनने वाले 30 पांटून पुलों की तैयारियों का इंजीनियर इन चीफ वीके श्रीवास्तव ने बृहस्पतिवार को जायजा लिया। वह लाल सड़क पर पांटून निर्माण की साइट पर पहुंचे। वहां विद्युत यांत्रिक खंड के एक्सईएन और अन्य अभियंताओं ने बताया कि कुल 1645 पांटूनों का निर्माण किया जाना है।
इसमें से अब तक 1450 पांटून का निर्माण हो चुका है। 839 पांटून कुंभ मेला डिवीजन को हस्तांतरित भी किए जा चुके हैं। इसी दौरान बताया गया कि क्षेत्रफल विस्तार के हिसाब से तीन पांटूनपुल अतिरिक्त बनाए जाने हैं। इसके लिए 668 अतिरिक्त पांटून का निर्माण कराया जाना है। इसका टेंडर तो करा लिया गया है, लेकिन आचार संहिता की वजह से खोला नहीं जा रहा है।
इस पर प्रमुख अभियंता ने कहा कि इसके लिए निर्वाचन आयोग से अनुमति ली जाए और काम तत्काल शुरू करा दिया जाए। लेटलतीफी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने इसके लिए कुछ विकल्पों को भी सुझाया। प्रमुख अभियंता ने शास्त्री सेतु का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उनका कहना था कि शास्त्री सेतु की सभी बेयरिंग की जांच करा ली जाए। खराब बेयरिंग की समय रहते मरम्मत करा ली जाए। एक्सईएन एनके शर्मा ने बताया कि छह मई से बेयरिंग का परीक्षण कराया जाएगा।