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प्रयागराज में डिजिटल अरेस्ट कर 1.48 करोड़ की ठगी में हिरासत में लिए गए तीन लोग


SV News

अफसर की पत्नी ने दर्ज कराया है मुकदमा

प्रयागराज (राजेश सिंह)। शहर के जार्जटाउन में डिजिटल अरेस्ट कर अफसर की पत्नी काकोली दासगुप्ता (68) से 1.48 करोड़ की ठगी का खुलासा जल्द हो सकता है। पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है। अफसर की पत्नी के खाते से उड़ाई गई रकम को इन्हीं खातों के जरिये इधर से उधर भेजा गया। फिलहाल, देर रात तक पुलिस उनसे पूछताछ में जुटी रही।
सूत्रों का कहना है कि जिन तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है, उनके खातों में रकम का लेनदेन हुआ। इन्हीं में से एक खाता ऐसा भी है जिसकी रकम फ्रीज कराई गई। पुलिस ने केवाईसी विवरण के आधार पर उन्हें पकड़ा। फिलहाल यह बात सामने आई है कि अफसर की पत्नी के खाते से उड़ाई गई रकम को डिजिटल मुद्रा में परिवर्तित कर इसे देश से बाहर कैश कराया गया। फिलहाल, इस मामले में साइबर थाना पुलिस ज्यादा कुछ बताने को तैयार नहीं है। प्रभारी राजीव तिवारी का कहना है कि जल्द ही खुलासा किया जाएगा।

इंटरनेट काॅल का किया था इस्तेमाल

इस मामले में साइबर अपराधियों ने आईपी(वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) काॅल का इस्तेमाल किया था। पुलिस उस आईपी एड्रेस को ट्रेस करने में भी जुटी है, जिसके जरिये यह कॉल की गई। इस तरह की कॉल इंटरनेट के जरिये की जा सकती है और इसके लिए कॉल करने वाले के पास फोन का होना जरूरी नहीं है। फिलहाल, पुलिस वह आईपी एड्रेस ट्रेस करने में जुटी है, जिस पर चल रहे इंटरनेट कनेक्शन से यह कॉल की गई। महिला के खाते से उड़ाई गई रकम दो बैंक खाताें में ट्रांसफर की गई। इनमें से एक खाता एसबीआई व दूसरा खाता यस बैंक का है। इन्हीं में से एक खाते में भेजी गई 40 लाख की रकम को तत्परता दिखाते हुए होल्ड करा दिया गया।

यह है पूरा मामला

यह प्रयागराज का पहला केस है जिसमें महिला को डिजिटल अरेस्ट कर उससे साइबर ठगी की गई। वादिनी का आरोप है कि उनके नाम पर ड्रग्स, लैपटॉप व क्रेडिट कार्ड वाला पार्सल ताइवान भेजने की बात कहकर पहले इंटरनेशनल कूरियर कंपनी का कर्मचारी बनकर एक व्यक्ति ने संपर्क किया। पार्सल के बारे में जानकारी न होने की बात कहने पर शिकायत दर्ज कराने को कहा। फिर पुलिस अफसर बनकर एक अन्य व्यक्ति ने वीडियो कॉल पर बात की और डरा-धमकाकर रकम खातों में जमा करवा लिए।

क्या है डिजिटल अरेस्ट

यह साइबर अपराध का नया तरीका है। इसमें साइबर ठग लोगों को झूठे इल्जाम लगाकर ब्लैकमेल करते हैं। जब आप उनकी बातों में फंस जाते हैं तो वह पुलिस के बड़े अधिकारी से बात कराने का झांसा देकर अपने ही गिरोह के किसी अफसर से वीडियो कॉल पर बात कराते हैं। इसके बाद शिकार बनाए गए व्यक्ति को इतना डरा धमका दिया जाता है कि वह घबरा जाए। साथ ही फंसने का डर दिखाकर किसी से संपर्क करने, कॉल करने या घर से बाहर निकलने से भी मना कर दिया जाता है। वह बताता है कि आपका आधार, सिम कार्ड, बैंक अकाउंट किसी गैरकानूनी काम के लिए इस्तेमाल हुआ है। साथ ही अगर उसकी बात नहीं मानी तो आप कानूनी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। इसके बाद वह रुपयों की मांग करता है।

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