प्रयागराज (राजेश सिंह)। संगम तट पर स्थित श्री बड़े हनुमान मंदिर जलमग्न हो गया है। इसके बाद बाढ़ का पानी और शहर के निचले इलाके में प्रवेश करने लगा है। तराई इलाकों में मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं। गंगापार और यमुनापार के इलाकों में बाढ़ का भारी असर देखने को मिल रहा है। ससुरखदेरी नदी के उफान पर होने के कारण शहर के करेली इलाके के कई मोहल्ले के हजारों घरों में पानी घुस गया है।
प्रयागराज में गंगा और यमुना उफान पर हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड में हो रही भारी के चलते जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। माता टीला बांध से गंगा में करीब डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाे का असर भी गंगा में दिख रहा है। संगम तट पर स्थित श्री बड़े हनुमान मंदिर जलमग्न हो गया है। इसके बाद बाढ़ का पानी और शहर के निचले इलाके में प्रवेश करने लगा है। तराई इलाकों में मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं। सिंचाई विभाग बाढ़ प्रखंड के अनुसार बृहस्पतिवार को गंगा का जलस्तर स्थिर रहा, जबकि यमुना में जल स्तर खिसकने की सूचना है।
गंगापार और यमुनापार के इलाकों में बाढ़ का भारी असर देखने को मिल रहा है। बदरा सोनौटी समेत कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। राहत और बचाव कार्य के लिए पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। करेली इलाके में ससुरखदेरी नदी का पानी भर गया है। कई मोहल्ले पूरी तरह से टापू में तब्दील हो गए हैं। बाढ़ की भयावहता बढ़ती ही जा रही है।
यमुना में बाढ़ आने के कारण तराई इलाकों में सब्जी की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। बाढ़ में सब्जी की फसल समा न जाए इसको देखते हुए पानी आने के पहले ही किसानों ने सब्जी की खड़ी फसलों को उजाड़ दिया। सैकड़ों बीघे परवल की खेती समय के पहले ही उजाड़ दी गई। मेजा में बिहार के किसान आकर परवल की खेती करते हैं। यह सैकड़ों बीघे में बोई जाती है और कई जिलों के साथ दूसरे प्रदेश में भी आपूर्ति की जाती है। बाढ़ के चलते पूरी फसल चौपट हो गई।
गंगा और यमुना समेत अन्य नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। कछार के निचले इलाके की बस्तियों में बुधवार को बाढ़ का पानी घुस गया। यहां रहने वाले परिवारों ने सामान समेटना शुरू कर दिया। अगर जलस्तर में बढ़ोतरी की यही रफ्तार रही तो एक-दो दिनों में बड़ा इलाका बाढ़ की चपेट में आ जाएगा।
यमुना नदी के जलस्तर में बुधवार सुबह तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई। पिछले 24 घंटे में दो मीटर से भी अधिक जलस्तर बढ़ गया। इसका असर गंगा के कछारी इलाके में दिखा। पानी छोटा बघाड़ा में बस्ती तक पहुंच गया। गंगा की मूल धारा के करीब बने मकान पानी में घिर गए हैं।
झूंसी के बदरा-सोनौटी की बस्ती में पानी घुस गया तथा नाव चलने लगीं हैं। छोटा बघाड़ा, ठरेरिया आदि इलाके के लोग अपना सामान समेटने लगे हैं। छोटा बघाड़ा के विनोद कुमार, रमेश कुमार आदि का कहना था कि बाढ़ में एक तल पूरा डूब जाता है। ऐसे में जरूरी सामान वह दूसरी जगह ले जा रहे हैं। शेष सामान छत पर रख देंगे।
दारागंज में बांध के नीचे पानी भर गया है। निराला चौराहे के पास तो बांध की सड़क भी डूब गई है। इसकी वजह से कई दुकानदारों तथा अन्य लोगों को सामान हटाना पड़ा। बेली कछार, नेवादा, राजापुर आदि इलाकों के निचले इलाकों में नदियों का पानी घुसने लगा है।
बुधवार को दिन में यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी की रफ्तार कुछ कम हो गई लेकिन अब गंगा में पानी बढ़ने लगा है। गंगा के जलस्तर में करीब छह सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ोतरी दर्ज की गई। बताया जा रहा है कि अभी जलस्तर में बढ़ोतरी होगी।
जिला प्रशासन, सिंचाई विभाग समेत अन्य संबंधित विभागों के अफसरों ने बुधवार को संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। एसडीएम सदर अभिषेक सिंह का कहना है कि अभी नदियों का पानी बस्तियों में नहीं घुसा है लेकिन जल्द ही लोगों के बाढ़ की चपेट में आने की आशंका है। इसे देखते हुए आश्रय स्थल, राशन समेत अन्य जरूरी इंतजाम किए गए हैं।