मेजा, प्रयागराज (श्रीकान्त यादव)। मेजा के गुनई गांव में बीती रात मंदिर के नीचे की जमीन धंस गई और पूरी मंदिर कुएं में समा गई। रात होने की वजह से वहां कोई नहीं था नहीं तो दिक्कत हो सकती थी। वहीं मंदिर कुएं में चली जाने की सूचना पर सुबह ग्रामीणों की भीड़ लग गई। लोग अपने-अपने विचार रख रहे थे।
बता दें कि गुनई गांव निवासी राजेश विश्वकर्मा उर्फ बड़कऊ अपने मकान के सामने पुराने कुएं की जगत पर कई साल पहले भगवान शिव की मंदिर बनवाए थे। मंदिर में घर-परिवार के लोग पूजा-अर्चना करते थे। गुरुवार की रात अचानक मंदिर के नीचे कुएं की जगत जमीन में धंस गई और पूरी मंदिर कुएं में समा गई। सुबह देखने के लिए गांव के लोगों का मजमा लग गया।
लोग अपने-अपने विचार रखे। बड़कऊ ने कहा कि उक्त कुएं की जगत पर मंदिर के पास बच्चे खेलते थे और लोग भी बैठे रहते थे। भगवान शिव की कृपा से यह वाकया रात में हुआ। जिससे किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हुई। वहीं दिनभर मंदिर में कुएं में समा जाने की चर्चा होती रही। मजे की बात तो यह रही कि बिना टूटे फ़ूटे मंदिर कुएं में चली गई और उसमें जैसे भगवान शिव विराजमान थे वैसे ही हैं।
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राजेश विश्वकर्मा वीरेन्द्र यादव प्रेमचन्द्र यादव |
गांव के लोगों का कहना है कि कुआं पुराना है इस कुएं की जगत पर मंदिर बनी थी। मंदिर के नीचे मिट्टी ढहने से मंदिर कुएं में चली गई। शिव भगवान की कृपा रही कि उक्त हादसा रात 11 बजे हुआ। उस समय परिवार के बच्चे और लोग नहीं थे। नहीं तो दिक्कत हो सकती थी।- राजेश विश्वकर्मा उर्फ बड़कऊ (मंदिर की देख-रेख करने वाले)
भगवान शिव की इतनी बड़ी कृपा देखिए की मंदिर पूरी की पूरी कुएं में समा गई। लेकिन मंदिर में भगवान जैसे थे वैसे ही हैं और पूरी मंदिर कुएं में जाने के बाद भी जस की तस है। भगवान की महिमा है।- प्रेमचन्द्र यादव (ग्रामीण)
पुराने कुएं की जगत पर राजेश विश्वकर्मा बड़कऊ कई साल पहले भगवान शिव की मंदिर बनाए थे। बीती रात करीब 11 बजे अचानक कुएं की जगत जमीन में धंस गई और बिना टूटे पूरी मंदिर कुएं में समा गई। सब भोलेनाथ की महिमा है।- वीरेन्द्र सिंह यादव (शिक्षक, समाजसेवी)