प्रयागराज (राजेश सिंह)। नैनी मे दिव्य ज्योति जागृती संस्थान दो दिवसीय अभिनंदन हाल आशुतोष महाराज दिव्य ज्योति जागरण सेवा समिति द्वारा सत्संग का रविवार को समापन हुआ। महाराज ने कहा कि यह धारणा प्रबल हो गई है कि ईश्वर को देखना व्यावहारिक रूप से असंभव है। हमारे मन में यह मोटी दीवार पारंपरिक विचारों और पूर्वाग्रहों से समर्थन प्राप्त करके बढ़ती जा रही है। वास्तव में, इसे बस एक जोरदार प्रहार की आवश्यकता है, और असंभव स्वयं कहने के लिए मजबूर हो जाता है। मैं संभव हूँ! यह शक्तिशाली प्रहार पूर्ण आध्यात्मिक गुरुओं (सत्गुरुओं) द्वारा किया जाता है, जो ईश्वर का अनुभव करने के बारे में मानव जाति के बीच मानसिक बाधाओं को तोड़ने के लिए पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। ऐसा हर युग में होता है। और, यह आज भी हो रहा है। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक और प्रमुख दिव्य गुरु आशुतोष महाराज, ब्रह्मज्ञान (ईश्वर-साक्षात्कार का शाश्वत विज्ञान) के माध्यम से ईश्वर के व्यावहारिक अनुभव को मानव जाति तक पहुँचा रहे हैं, साथ ही शाश्वत संदेश की भावना को कायम रखते हुए कि ईश्वर को देखा जा सकता है।
इस सत्संग मे विश्वनाथा नन्द को कोऑर्डिनेटर दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान श्रीराम राम गुप्ता, नीरज तिवारी, डी. के सिंह, इंद्रदेव पांडे, दीप्ति चड्ढा, रजनीश चड्ढा, अजय केशरवानी, राजनाथ, वीरेंद्र, अजय, लक्ष्मी, किरन, अथर्व, नेहा., नम्रता आदि लोग मौजूद रहे।