जम्मू. उत्तरी कश्मीर में उड़ी सेक्टर के अंतर्गत गुलमर्ग में गुरुवार को आतंकियों ने सेना के वाहन पर हमला कर दिया। सेना के दो जवान बलिदान हो गए, जबकि दो पोर्टर भी मारे गए। तीन अन्य जवान घायल हुए हैं। हमले के बाद पूरे इलाके को घेरकर सुरक्षा बलों ने दहशतगर्दों की तलाश शुरू कर दी है।
सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है। बड़े स्तर पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है। पूरी सतर्कता के साथ जवान इलाके को खंगाल रहे हैं। बारामुला पुलिस ने एक बयान में कहा है कि बोटापथरी में आतंकवादियों और सेना के बीच फायरिंग की घटना हुई है।
बताया जा रहा है कि बोटापथरी में आतंकवादियों ने सैनिकों के वाहन पर अंधाधुंध गोलीबारी की। अचानक हुई गोलीबारी में चालक ने संतुलन खो दिया और वाहन गहरी खाई में गिर गया। हमले में घायल सात लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया। इनमें से दो सैन्य जवान व दो पोर्टर की मौत हो गई। तीन अन्य जवानों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
आज के दिन यह दूसरा आतंकी हमला है। इससे पहले पुलवामा जिले के त्राल इलाके में सुबह आतंकवादियों ने उत्तर प्रदेश के एक मजदूर को गोली मारकर घायल कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि बिजनौर निवासी प्रीतम सिंह को बटागुंड गांव में आतंकवादियों ने गोली मार दी, मजदूर के हाथ में गोली लगी है। प्रीतम सिंह को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती है। पिछले एक सप्ताह में कश्मीर में गैर-स्थानीय मजदूरों पर लगातार हमले हो रहे है।
गुलमर्ग में है सेना का हाई एल्टीड्यूड वारफेयर स्कूल
गुलमर्ग में सेना का हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल भी है। इसे उच्च पर्वतों पर लड़ाई तथा विषम परिस्थितियों का सामना करने में महारत हासिल है। स्कूल के आसपास आतंकियों की मौजूदगी सुरक्षा बलों के लिए गंभीर चुनौती भी है।
गुलमर्ग हमले पर एलजी की प्रतिक्रिया
बूटापथरी सेक्टर में क्रूरतम आतंकी हमले के संबंध में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की है। आतंकियों को मार गिराने के लिए त्वरित कार्रवाई करने को निर्देशित किया है। ऑपरेशन जारी है। बलिदानियों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा। बलिदानियों के परिवार वालों के प्रति सहानुभूति है। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। - मनोज सिन्हा, उप राज्यपाल
गांदरबल में सुरंग बना रही कंपनी के कैंप पर हमला
इससे पहले, गांदरबल में श्रीनगर-लेह हाईवे पर सोनमर्ग के पास गगनगीर इलाके में जेड मोड़ सुरंग निर्माण कर रही कंपनी में कार्यरत प्रवासी मजदूरों पर रविवार की रात आतंकियों ने हमला कर एक डॉक्टर और छह मजदूरों की हत्या कर दी थी।
मारे गए मजदूरों में कश्मीरी और गैर कश्मीरी दोनों हैं। प्रवासी मजदूरों पर हाल के वर्षों का सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है। आतंकी दो बताए जा रहे हैं। यह वारदात शोपियां में बिहार के मजदूर अशोक चौहान के आतंकी हमले में मारे जाने के एक दिन बाद हुई है।
कश्मीर में बड़ी संख्या में हैं बाहरी मजदूर
बता दें कि कश्मीर के अलग-अलग जिलों में चलने वाली तमाम बड़ी परियोजनाओं में प्रवासी मजदूर काम करते हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब के मजदूर कश्मीर में सेब के बगीचों और इसकी पैकिंग में काम करते हैं। निर्माण कंपनियों के विभिन्न प्रोजेक्ट में ये काम करते हैं। यहां तक कि कश्मीर में स्थानीय स्तर पर फल-सब्जी बेचने वालों में भी इनकी बड़ी संख्या है। रेलवे की योजनाओं में भी इन मजदूरों से काम लिया जाता है।
जानकारी के अनुसार, आतंकियों ने 2021 में भी इसी तरह प्रवासी मजदूरों पर आतंकी हमले किए थे। 16 और 17 अक्तूबर, 2021 को बिहार एवं यूपी के चार मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। तब घाटी से बड़े स्तर पर प्रवासी मजदूरों ने पलायन किया था। अब फिर कश्मीर में वैसा ही माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है।
उत्तरी कश्मीर में उड़ी सेक्टर के अंतर्गत गुलमर्ग में गुरुवार को आतंकियों ने सेना के वाहन पर हमला कर दिया। हमले में दो जवान घायल हैं। सेना और आतंकियों के बीच गोलीबारी जारी है।