मिर्जापुर (राजेश सिंह)। कुश्ती का खेल जिसे इंग्लिश में रेसलिंग कहते है, भारत का एक पुरातन और प्रिय खेल है। भारतीय गांवों में कुश्ती का दंगल प्राचीन समय से होता आ रहा है। यह एक अंतराष्ट्रीय खेल है जिसे ओलंपिक खेलो में भी शामिल किया गया है। भारत में कुश्ती के खेल ने दारा सिंह जैसे दिग्गज पहलवानों को पैदा किया है। ये बातें पूर्वांचल यू पी के लोकप्रिय जनसेवक श्यामकांत शुक्ला उर्फ लहरी भइया ने रविवार को मिर्जापुर जिले के बाबा डेरानाथ दंगल समिति दुगरहा की ओर से आयोजित अंतर प्रांतीय कुश्ती दंगल के मंच से बतौर मुख्य अतिथि कही।
विदित हो कि रविवार को गांव दुगरहा, जिला मिर्जापुर में विराट दंगल का आयोजन किया गया। समाजसेवी श्यामकांत शुक्ला उर्फ लहरी भइया मुख्य अतिथि के रूप में इस दंगल में प्रतिभाग किया। अखाड़े पर फूलमाला और पगड़ी बांधकर उनका जोशीला स्वागत हुआ। इस दंगल में राजस्थान, बंगाल, पटना, गोरखपुर, अयोध्या, दिल्ली, बनारस, चंदौली, भोपाल, लखनऊ और अन्य जगहों के पहलवानों ने शिरकत की। निर्णायक मैच में डी एल डब्लू वाराणसी के धर्मेंद्र सिंह ने गोरखपुर के भीम पहलवान को काला जंग दांव से आसमान दिखाकर 31 हजार रुपए की इनामी बाजी अपने नाम की। मुख्य अतिथि श्यामकांत शुक्ला उर्फ लहरी भइया ने इन पहलवानों का हाथ मिलकर कुश्ती का शुभारंभ कराया। मिर्जापुर के सुरेंद्र यादव ने दिल्ली के पिंटू पहलवान को हराकर लोगो का दिल जीता। महिला पहलवानों में दिल्ली की नेहा मिश्रा ने झांसी की सौम्या तिवारी को पटखनी देकर 11000/- रुपए की इनाम राशि अपने नाम की । सुरेंद्र पांडे तथा देवदत्त निर्णायक की भूमिका निभाए।
इस अवसर पर दंगल समिति के अशोक कुमार पांडे उर्फ पहपट, गुलाब शंकर पांडे, जटा शंकर पांडे, राधेश्याम, श्यामलाल, दीपू पांडे, अमर बहादुर सिंह, कमलेश पांडे, दामोदर पांडे, देवी शंकर शुक्ला, कलेक्टर पांडे, कप्तान पांडे, सूर्यबली यादव, जटा शंकर यादव मिर्जापुर नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष मनोज जायसवाल छात्र नेता हेमंत तिवारी, जय प्रकाश बिंद आदि गणमान्य लोगों के साथ हजारों की भीड़ उपस्थित थी।