कुम्भ नगर (राजेश शुक्ला)। महाकुंभ में प्रतिदिन 500 से अधिक वीआईपी प्रोटोकॉल जारी हो रहा है। जबकि, 2500 से अधिक लोग सिफारिश पर वीआईपी घाट पर स्नान करने के पहुंच रहे हैं। वीआईपी एवं अन्य के लिए बीस मेला प्राधिकरण और जल पुलिस और 30 किराये पर नाव लगाई गई है। इसमें जिनकी सिफारिश तगड़ी है, उन्हें तुरंत नाव की सवारी मिल जाती और जिनकी नहीं है उन्हें ज्यादा समय तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है। वीआईपी घाट पर कुछ ऐसे लोग सक्रिय हैं जो लोगों से हजार से लेकर दो हजार की वसूली कर सेटिंग से पुलिस बैरियर पार करा देते हैं।
वीआईपी के साथ गनर एवं सुरक्षाकर्मियों के संगम तक जाने का नियम नहीं है। जल पुलिस एवं मेला के अधिकारी बार-बार माइक से कहते भी हैं कि गनर एवं सुरक्षाकर्मी वीआईपी के साथ संगम तक न जाएं, नाव से उतरें, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं हैं। उन्हें वीआईपी मोबाइल देकर फोटो और वीडियो बनवा रहे हैं।
तिरुपति से आईएएस श्यामल राव 14 लोगों के साथ स्नान करने वीआईपी घाट आए, उनका प्रोटोकॉल भी जारी किया गया था। एक घंटे तक उन्हें नाव के इंतजार में प्रतीक्षा करनी पड़ी। इस दौरान उनके पास कई दलाल आए जो पैसे देने पर नाव उपलब्ध कराने का दावा किए। लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
ओडिशा से आए श्रद्धालु महेश का कोई प्रोटोकॉल नहीं था। वह नाव से संगम पर जाकर स्नान करना चाहते थे। थोड़ी देर में एक दलाल से उनकी मुलाकात हो गई, उसने दस मिनट में ही एक हजार लेकर उन्हें नाव में बैठा दिया।
इंदौर से आए चेतन शर्मा ने बताया कि उनके साथ पांच लोग थे। संगम स्नान के लिए प्रति व्यक्ति एक हजार रुपये दिए तो बोट से जाने का इंतजाम हो गया। उन्होंने बताया कि सेटिंग करने के लिए गेट पर कुछ लोग घूम रहे होते हैं।
अगर कहीं कोई वसूली कर रहा है तो गलत हैं, ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। - विजय किरण आनंद, मेलाधिकारी